ग्रामीणों ने वेस्टन गेट में चार घंटे भूषण स्टील कंपनी के वाहनों को रोका
नोवामुंडी में माहुदी गांव के ग्रामीणों ने शुक्रवार को वेस्टन गेट से ओडिशा की भूषण स्टील कंपनी में लौह अयस्क लेकर जा रहे वाहनों को चार घंटे रोककर विरोध जताया।
संवाद सूत्र, नोवामुंडी : नोवामुंडी में माहुदी गांव के ग्रामीणों ने शुक्रवार को वेस्टन गेट से ओडिशा की भूषण स्टील कंपनी में लौह अयस्क लेकर जा रहे वाहनों को चार घंटे रोककर विरोध जताया। दिन के एक बजे से चला वाहन रोको आंदोलन शाम पांच बजे तक चला। ग्रामीणों को वेस्टन गेट से सीजे ड्रेकल लॉजेस्टिक प्राइवेट लिमिटेड ट्रांसपोर्ट की कंपनी की गाड़ियों से लौह अयस्क लोडिग होकर ओडिशा के भूषण स्टील कंपनी में जाने की खबर मिलते ही ग्रामीण दल बल के साथ गेट पर पहुंच गए। दिन के एक बजे गेट समीप पहुंचकर ग्रामीणों ने बाहर खड़े दो हाइवा वाहनों को गेट के बाहर रोक दिया। मौके पर आक्रोशित लोगों की भीड़ देखकर गेट के बाहर खड़े ट्रांसपोर्टर वहां से भाग गए। जबकि गेट के भीतर भूषण स्टील कंपनी ले जाने के लिए लदे दो ट्रेलर गाड़ियों को गेट के बाहर जाने से रोक दिया है। वेस्टन गेट जाम किए बनमाली गौड़ ने बताया कि नोवामुंडी बोकारो साइडिग व लाईन नंबर पांच रेलवे साइडिग प्लॉट नौ साल से बंद है। प्लॉट बंद होते ही साइडिग रैक लोडिग के माध्यम से रोजगार कर आमदनी कर रहे लगभग पांच सौ परिवार बेरोजगार हो गए हैं। यदि स्थानीय प्राईवेट कंपनी के माध्यम से रेलवे साइडिग में लौह अयस्क भंडारण होकर रैक से भेजा जाता तो निश्चित रूप से गरीब परिवारों को दो वक्त का निवाला मिल जाता। परंतु साइडिग में लौह अयस्क भंडारण नहीं कर वाहनों के माध्यम से ओडिशा भेजा जा रहा है। जागन्नाथ तिरिया ने बताया कि स्थानीय कंपनी प्रभावित गांव के ग्रामीणों के भविष्य को नजरंदाज कर चल रही है। वह स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं देकर भाजपा के सफेद पोश नेताओं को लौह अयस्क ट्रांसपोíटंग की जिम्मेदारी सौंप दी है। कंपनी स्थानीय लोगों में फूट डालो राज करो कि नीति अपनाकर चल रही है। वेस्टन गेट में चार घंटे लौह अयस्क डिस्पैच रोकने के बाद शाम पांच बजे यह कहकर लौट गए कि यदि कंपनी ने ढुलाई कार्य जारी रखा तो शनिवार को सुबह गेट समीप चूल्हा-चक्की लाकर आंदोलन जारी रखा जाएगा। बंद ग्रामीण समर्थकों में बनमाली गौड़, राजेश नायक, अतुल नायक, दीपक प्रधान, अमित बारजो, गौतम, कूड़ो नायक, रमलू गोप, नोरू नायक, सुरेश लागुरी, सोमराज लागुरी, मानसिंह पुरती आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
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