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    झारखंड में बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाने पर CM का एक्शन: कर्मचारी निलंबित, पीड़ितों को 2 लाख का मुआवजा

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 02:47 PM (IST)

    मुख्यमंत्री ने बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाने के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया है। सरकार ने पीड़ितों को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बड़ा एक्शन

    डिजिटल डेस्क, रांची। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ा एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री ने सिविल सर्जन समेत अन्य संबंधित पदाधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया है।

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    इसके साथ ही पीड़ित बच्चों के परिवारों को 2-2 लाख रूपये की सहायता राशि देने और उनका इलाज का पूरा खर्च देने की घोषणा की है। 

    उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने की सूचना पर पश्चिमी सिंहभूम सिविल सर्जन समेत अन्य संबंधित पदाधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया है। पीड़ित बच्चों के परिवारों को 2-2 लाख रूपये की सहायता राशि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी तथा संक्रमित बच्चों का पूरा इलाज भी राज्य सरकार द्वारा कराया जाएगा।

    बता दें कि पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय स्थित चाईबासा सदर अस्पताल एक बार फिर अपनी लापरवाही और अव्यवस्था को लेकर सुर्खियों में है। कुछ दिन पूर्व ब्लड बैंक की गंभीर त्रुटि के कारण थैलेसीमिया से पीड़ित पांच से छह बच्चों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई थी।

    घटना सामने आने के बाद सरकार ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। प्रारंभिक जांच में अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही उजागर हुई है। बताया जा रहा है कि थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को ब्लड बैंक से एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा दिया गया, जिससे हड़कंप मच गया।

    मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी ब्लड बैंकों का ऑडिट कर पांच दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। 

    इस घटना से पूरे जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं और लोगों में भारी आक्रोश है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    कोर्ट ने लिया था संज्ञान

    बता दें कि थैलीसीमिया पीड़ित बच्चे को संक्रमित ब्लड चढ़ाने का गंभीर मामला सामने आने के मामले पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए। इसके बाद शनिवार को झारखंड सरकार की पांच सदस्यीय विशेष टीम मामले की जांच के लिए रांची से चाईबासा पहुंची।

    टीम ने जांच के क्रम में ब्लड बैंक में कई गड़बड़ियां पाईं। चिंताजनक बात यह है कि चाईबासा सदर अस्पताल में भर्ती थैलीसीमिया प्रभावित छह बच्चों के एचआइवी संक्रमित होने की आशंका जताई गई है।

    इनमें वह बच्चा भी शामिल है, जिसके अभिभावकों ने शुक्रवार को जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल के साथ सामने आकर आरोप लगाया था कि उनके बच्चे को एचआइवी संक्रमित खून चढ़ा दिया गया है। अब सभी बच्चों की जांच की जा रही है।

    प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि चाईबासा सदर अस्पताल में कुल 56 थैलेसिमिया पीड़ित बच्चों को रक्त चढ़ाया गया है, जिनमें छह बच्चे एचआइवी संक्रमित पाए गए हैं। सभी प्रभावित बच्चों की उम्र छह से आठ वर्ष के बीच है।