चाईबासा में ब्लड बैंक पर थैलीसिमिया बच्चे को HIV पॉजिटिव रक्त चढ़ाने का आरोप
चाईबासा ब्लड बैंक ने थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चे को एचआईवी पॉजिटिव रक्त चढ़ाने के आरोप को गलत बताया है। बैंक का कहना है कि वे हर साल हजारों मरीजों को रक्त देते हैं और सभी रक्त की जांच की जाती है। अधिकारियों ने मामले की जांच कराने की बात कही है।

संवाद सहयोगी, चाईबासा। सदर अस्पताल चाईबासा के ब्लड बैंक में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। मंझारी प्रखंड के सात साल के थैलीसिमिया पीड़ित बच्चे को कथित तौर पर एचआईवी पॉजिटिव रक्त चढ़ाने का आरोप लगाया गया है। परिजनों ने इस मामले की शिकायत उपायुक्त और राज्य सरकार से की है।
मंझारी प्रखंड के जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल ने आरोप लगाया कि जिस बच्चे को एचआईवी पाजिटिव रक्त चढ़ाया गया, उसी की बुआ के साथ एक साल पहले ब्लड बैंक कर्मचारी मनोज कुमार द्वारा दुर्व्यवहार किया गया था।
इस मामले में सदर थाना में केस भी दर्ज किया गया था और मामला अदालत में चल रहा है। उन्होंने दावा किया कि बदले की भावना से यह घटना हुई है और मांग की कि उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि बच्चे तक एचआईवी संक्रमण कैसे पहुंचा। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
डॉ. सुशांतो कुमार माझी, सिविल सर्जन, पश्चिमी सिंहभूम
मेरे ऊपर लगाया गया आरोप सरासर गलत है। चाईबासा ब्लड बैंक साल में 80 से 1 लाख मरीजों को रक्त प्रदान करता है। सभी रक्त की जांच और रिकार्डिंग की जाती है, इसलिए गलती की कोई गुंजाइश नहीं है। थैलीसिमिया बच्चे को हर माह रक्त की जरूरत होती है और बिना जांच किसी को रक्त नहीं दिया जाता। उच्च अधिकारी मामले की जांच कर सकते हैं।
मनोज कुमार, चाईबासा ब्लड बैंक लैब असिस्टेंट

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