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    उंडुदा जंगल में सूअर के शिकार को बिछाया बम बना काल, लकड़ी चुनने गई महिला के पैर उड़े

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 07:56 PM (IST)

    पश्चिमी सिंहभूम जिले के कुमारडुंगी थाना क्षेत्र के उंडुदा जंगल में बम विस्फोट से एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। 34 वर्षीय बेनी गोप लकड़ी चुनने गई थ ...और पढ़ें

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    सुअर के लिए बिछाए गए बम के फटने से घायल हुईं युवती को इलाज कराने के लिए अस्‍पताल ले जाते परिजन।

    जागरण संवाददाता, कुमारडुंगी। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के कुमारडुंगी थाना क्षेत्र अंतर्गत उंडुदा जंगल में बुधवार सुबह बम विस्फोट हो गया। देसी बम विस्फोट की चपेट में आने से 34 वर्षीय महिला बेनी गोप गंभीर रूप से घायल हो गईं। 
     
    विस्फोट इतना जबरदस्त था कि महिला के दाहिने पैर के चिथड़े उड़ गए। जख्मी महिला का फिलहाल चाईबासा के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। 
     
    प्राप्त जानकारी के अनुसार बेनी गोप मूल रूप से टांगर गांव की रहने वाली हैं। बीते कुछ महीनों से वह अपनी दीदी के घर छोटारायकमन गांव में रह रही थीं। 
     
    दीदी के पैर में तकलीफ होने के कारण बेनी गोप घरेलू कार्यों में सहायता कर रही थी। बुधवार की सुबह वह अन्य महिलाओं के साथ जंगल से सूखी लकड़ी लेने उंडुदा जंगल गई थी।
     
    बताया गया कि जब महिलाएं लकड़ी लेकर वापस लौट रही थीं, तभी उंडुदा गांव के गितिलपी टोला के समीप बेनी गोप का पैर जमीन में छिपे देसी बम पर पड़ गया। पैर पड़ते ही तेज धमाके के साथ बम फट गया, जिससे उसका दाहिना पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। 
     
    विस्फोट के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। घटना के तुरंत बाद ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए जख्मी महिला को गोद में उठाकर घर पहुंचाया। 
     
    इसके बाद मोटरसाइकिल की सहायता से उसे पास के चिकित्सक के पास ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार किया गया। चिकित्सकों ने स्थिति गंभीर देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए चाईबासा के निजी अस्पताल रेफर कर दिया। 
     
    बताया गया कि परिजन सरकारी अस्पताल के बजाय निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जंगल में इस तरह के देसी बम जंगली सूअरों के शिकार के लिए बिछाए जाते हैं। 
     
    जंगली सूअर अक्सर खेतों और फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे परेशान होकर कुछ लोग यह खतरनाक तरीका अपनाते हैं। हालांकि इन बमों की चपेट में सूअर के अलावा सियार, कुत्ते और इंसान भी आ जाते हैं। 
     
    इससे जंगल से सटे गांवों में दहशत का माहौल है और लोगों को पैदल चलते समय भी अत्यधिक सतर्क रहना पड़ता है। इस संबंध में वनरक्षी अरबिंद टोपनो ने बताया कि वे वर्तमान में उंडुदा जंगल क्षेत्र के प्रभार में हैं। उन्होंने कहा कि गुरुवार को क्षेत्र का पुनः सर्वे किया जाएगा।
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