अमित शाह पर टिप्पणी मामला: राहुल को कोर्ट से छूट मिलेगी या नहीं? मानहानि मामले में फैसला चार अक्टूबर को
चाईबासा कोर्ट में राहुल गांधी की मानहानि मामले में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की अर्जी पर सुनवाई पूरी हो गई है। राहुल गांधी के वकील ने उनके राष्ट्रीय नेता होने और व्यस्तता का हवाला दिया जबकि वादी पक्ष ने इसका विरोध किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है जो 4 अक्टूबर को सुनाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, चाईबासा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा दायर की गई अर्जी पर सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट, चाईबासा में सुनवाई पूरी हुई। राहुल गांधी ने अपने अधिवक्ता सुभाष चंद्र मिश्रा के माध्यम से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 205 के तहत ट्रायल के दौरान व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की मांग की थी।
मानहानि से जुड़ा मामला
राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला कथित तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी के विरुद्ध चाईबासा के बीजेपी नेता प्रताप कटियार की ओर से किए गये मानहानि केस से जुड़ा हुआ है। परिवादी की ओर से आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी की टिप्पणी से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। इसी मामले में ट्रायल की कार्यवाही चल रही है।
कोर्ट में रखी दोनों पक्षों ने अपनी दलील
राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता सुभाष चंद्र मिश्रा ने अदालत को बताया राहुल गांधी एक राष्ट्रीय नेता हैं। संसदीय कार्य और देशभर में राजनीतिक कार्यक्रमों के चलते हर सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना उनके लिए संभव नहीं है। इस कारण उन्हें व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी जाए और उनके अधिवक्ता को पेश होकर पक्ष रखने की अनुमति मिले। मौके पर राहुल गांधी की ओर से झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता दीपांकर राय, स्थानीय अधिवक्ता सुभाष चन्द्र मिश्रा, सरस्वती दास, कांग्रेस प्रदेश महासचिव अमूल्य नीरज खलखो, जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास, जिला प्रवक्ता त्रिशानु राय उपस्थित थे।
न्यायाधीश का आदेश सुरक्षित
अधिवक्ता केशव प्रसाद ने बताया कि 22 सितंबर को इस अर्जी पर बहस पूरी कर ली गई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद माननीय न्यायालय ने आदेश सुरक्षित रख लिया। अदालत ने कहा कि इस मामले में निर्णय आगामी 4 अक्टूबर 2025 को सुनाया जाएगा।
अगली तारीख पर टिकी निगाहें
परिवादी पक्ष ने राहुल गांधी की अर्जी का विरोध किया है और कहा है कि आरोपी को स्वयं उपस्थित रहना चाहिए। अब सबकी निगाहें 4 अक्टूबर पर टिकी होंगी, जब यह तय होगा कि राहुल गांधी को व्यक्तिगत उपस्थिति से राहत मिलेगी या नहीं। यह फैसला आगे की कार्यवाही की दिशा तय करेगा।
कानूनी पहलू: दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 205 क्या है?
राहुल गांधी ने जिस कानूनी धारा के तहत व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की मांग की है, वह दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 205 है। यह धारा मजिस्ट्रेट को यह विवेकाधिकार देती है कि वह आरोपी को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने से छूट दे सकता है, बशर्ते आरोपी कोई राष्ट्रीय नेता या सार्वजनिक हित से जुड़े कार्य करने वाला व्यक्ति हो जिसके लिए हर तारीख पर कोर्ट आना मुश्किल हो। यह छूट हमेशा सशर्त होती है। आरोपी का अधिवक्ता हर सुनवाई में मौजूद रहेगा। जब कोर्ट आवश्यक समझेगा, तब आरोपी को स्वयं उपस्थित होना होगा।
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