परंपरा और दस्तूर बचाने की अभिनव पहल
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चाईबासा, जागरण संवाददाता : हो समाज की परंपरा और संस्कृति को बचाए रखने के लिए आदिवासी हो समाज महासभा लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए महासभा ने अब अपने बच्चों को भी अपनी संस्कृति का पाठ पढ़ाने का एक अभिनव प्रयास शुरू किया है। कक्षा-1 या उससे ऊपर की कक्षाओं के हो छात्र और छात्राओं के लिए इस बार आदिवासी क्लब भवन हारिगुटू में आदिवासी हो समाज महासभा की ओर से सात दिन का समर कैम्प लगाया जा रहा है। हो समाज के छात्रों को इस कैम्प में हो समाज के दस्तूर यथा किस तरह एक-दूसरे से मिलते हैं, तो बात की शुरुआत करते हैं? किस तरह जोहार कह कर अभिनंदन करते हैं? किस तरह आपस में बात करते हैं? घर आये मेहमान को किस तरह पानी से स्वागत करते हैं? हो समाज के देवी-देवताओं के बारे में प्रारंभिक जानकारी, हो समाज में पत्ते का बर्तन बनाना, दोना बनाना, धोती पहनना, साड़ी पहनना, हो समाज के खेल, सांस्कृतिक कार्यकलाप आदि की जानकारी दी जायेगी। इस प्रोग्राम में शहरों में रह रहे हो समाज के बच्चों में आज हो समाज के संस्कार एवं संस्कृति में हा्रस को कम करने का प्रयास होगा।
आदिवासी हो समाज महासभा के केन्द्रीय अध्यक्ष मधुसूदन मारला ने बताया कि हो समाज के संस्कार, संस्कृति जानकारी आज के युग में हो समाज के बच्चों को नहीं दी जा पा रही है। इसी कारण हो समाज आज सांस्कृतिक पतन के रास्ते पर चल पड़ा है। इसे ठीक करने के लिए यह एक प्रयास मात्र है और उम्मीद करेंगे कि आगे ऐसे प्रोग्राम बड़े स्तर पर भी हों। इस कैम्प में हिस्सा लेने के लिए प्रात: सात से नौ बजे तक अभिभावक क्लब भवन हारिगुटू में अपने बच्चों का नामांकन करा सकते हैं। इसके लिए 200 रुपए सहयोग राशि निर्धारित की गयी है। समर कैम्प 21 मई से शुरू होगा जो अगले एक सप्ताह तक जारी रहेगा। इस कैम्प के लिए धर्म गुरू कृष्णा बोदरा को संयोजक के रूप में आयोजन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
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