टाटा, रुंगटा और जिदल समेत 13 स्टील कंपनियां लौह अयस्क खदान की नीलामी में कूदीं
झारखंड में पहली बार लौह अयस्क खदान की ई-नीलामी होने जा रही है। पश्चिमी सिंहभूम जिला के अजिताबुरू स्थित लौह अयस्क के ब्लॉक की नीलामी में कुल 13 कंपनियां अपनी किस्मत आजमाने जा रही हैं।

सुधीर पांडेय, चाईबासा : झारखंड में पहली बार लौह अयस्क खदान की ई-नीलामी होने जा रही है। पश्चिमी सिंहभूम जिला के अजिताबुरू स्थित लौह अयस्क के ब्लॉक की नीलामी में कुल 13 कंपनियां अपनी किस्मत आजमाने जा रही हैं। इनमें टाटा स्टील, रूंगटा माइंस लिमिटेड, जिदल स्टील, वेदांता स्टील, जेएसएमडीसी, अमलगम स्टील, शारदा संस प्राइवेट रिसोर्सेज, आलोक स्टील, फोरवे इन्फ्रा, श्रीराम मल्टीकॉम, जगन्नाथ स्टील एवं पावर प्लांट, डीडी स्टील एंड पावर, काई इंटरनेशनल के नाम शामिल हैं। बुधवार को रांची में भूतत्व निदेशालय में भूतत्व निदेशक विजय कुमार ओझा, निदेशक खान शंकर कुमार सिन्हा एवं टेंडर कमेटी के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में टेक्निकल बिड का बक्सा खोला गया। इसमें कुल 13 निविदा प्रपत्र पाए गए। नीलामी में भाग लेने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों को उनके निविदा संबंधी दस्तावेज दिखाए गए। प्रतिनिधियों के संतुष्ट होने के बाद सारे दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई। अब 16 जुलाई को फाइनेंशियल बिड खोली जाएगी। इस दिन यह स्पष्ट होगा कि कौन-कौन सी कंपनियां फारवर्ड बिडिग में भाग लेंगी। जिन निविदादाताओं ने टेंडर आवेदन में दिए गए, सुरक्षित राशि के समतुल्य या उससे ज्यादा बिड किया होगा, उन्हें टेक्नीकली क्वालीफाइड बिडर घोषित किया जाएगा। टेक्नीकली क्वालीफाइड बिडर का 50 प्रतिशत बिडर को नियमानुसार फारवर्ड आक्शन में भाग लेने का अधिकार मिलेगा। इन्हीं के बीच में नीलामी होगी। खदान लेने के लिए फाइनल बिडिग 19 जुलाई को शुरू होगी। सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को अजिताबुरू लौह एवं मैंगनीज अयस्क खदान दे दी जाएगी। यहां बता दें कि इस खदान की लीज पहले मेसर्स देवकाबाई वेलजी के नाम पर आवंटित थी। 31 मार्च 2020 को इसकी लीज अवधि रद हो चुकी है। 46.62 हेक्टेयर में फैले इस खनन ब्लॉक में 17.538 मिलियन टन लौह अयस्क और 2.319 मिलियन टन मैगनीज अयस्क का रिजर्व होने की बात सरकार ने कही है। हालांकि लोगों खदान में इतना डिपाजिट होने पर संशय है। खैर झारखंड राज्य में पहली बार होने जा रही लौह अयस्क खदान की नीलामी पर सभी लोगों की निगाहें टिक गयी हैं। अजिताबुरू माइंस की सफल नीलामी के बाद पश्चिमी सिंहभूम जिले में 31 मार्च 2020 से बंद पड़ी खदानों के खुलने का रास्ता साफ हो जाएगा। फिलहाल देखने वाली बात होगी कि अजिताबुरू खदान की बोली कितने में लगती है।
----------------
टाटा, चाईबासा के अलावा बाहर की कंपनियों ने भी जताई इच्छा
पहली बार होने जा रही लौह अयस्क की नीलामी में पश्चिमी सिंहभूम, जमशेदपुर, धनबाद और रांची के अलावा खड़गपुर, कांड्रा, पटना, बड़बिल, राउरकेला आदि जगहों की कंपनियां किस्मत आजमा रही हैं। इन कंपनियों में टाटा स्टील, जिदल, रुंगटा जैसी बड़ी स्टील इकाईयां शामिल हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।