Jharkhand News: झारखंड में अंग्रेजी शराब होगी सस्ती, बीयर के दाम भी होंगे कम; वित्त विभाग से मिली हरी झंडी
झारखंड में अंग्रेजी शराब को सस्ती करने का प्लान बन गया है। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने शराब बिक्री पर 5% वैट वसूलने का प्रस्ताव पूरी तरह से तैयार किया है। जिसे वित्त विभाग ने हरी झंडी दे दी है। वर्तमान में 75% वैट लिया जा रहा है। प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा। इससे शराब की खपत बढ़ सकती है और सरकार को फायदा होगा।

अमित सिंह,रांची। Jharkhand News: झारखंड में अंग्रेजी शराब सस्ती होगी। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने शराब की बिक्री पर मात्र पांच प्रतिशत वैट वसूलने का प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव को वित्त विभाग से हरी झंडी मिल गई है।
इससे संबंधित प्रस्ताव कामर्शियल टैक्स विभाग में भेजा गया है। यहां से मंजूरी के बाद प्रस्ताव को अंतिम सहमति के लिए कैबिनेट भेजा जाएगा।
राज्य में 19 अप्रैल 2020 से शराब की बिक्री पर 75 प्रतिशत मूल्य वर्धित कर (वैट) वसूला जा रहा है। इससे शराब महंगी हो गई थी और अधिक कीमत के कारण इसकी खपत भी अपेक्षाकृत कम हो रही थी।
4500 करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्पाद विभाग ने 2700 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया था। 31 जनवरी तक कुल 2708 करोड़ की वसूली हुई।
विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में करीब 4500 करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिम्मेवारों का कहना है कि शराब की कीमत कम होगी तो खपत बढ़ेगी। ऐसे में राजस्व ज्यादा आएगा। बंगाल में वैट की वसूली नहीं होती है, मगर राजस्व हर साल ज्यादा आता है।
पढ़ लीजिए कितनी घटेगी कीमत
ऐसे समझें गणित वैट पांच प्रतिशत होने के बाद 4950 रुपये में मिलने वाली शराब (750एमएल) करीब 3400 रुपये में मिलने लगेगी। वहीं, 2220 रुपये में मिलने वाली शराब 1600 रुपये में तथा 1060 रुपए में मिलने वाली बोतल की कीमत 550 रुपये हो जाएगी। 760 रुपये में मिलने वाली शराब 400 रुपये तक में मिल जाएगी।
बीयर की भी कीमत होगी कम
दूसरी तरफ बीयर की कीमत में भी 30 से 40 रुपये की कमी आएगी। ज्यादा कीमत होने की वजह से शराब की बिक्री कम है। कीमत ज्यादा है तो ब्रांडेड शराब की खपत कम है। जब शराब की कीमत कम होगी तो खपत बढेगी।
विभाग ने 75 प्रतिशत वैट कम करने का प्रस्ताव तैयार किया है। मात्र पांच प्रतिशत वैट वसूला जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में प्रभावी होगा। योगेंद्र महतो, मंत्री, उत्पाद विभाग
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