हैं वीर लोग जो सरहदों पर जीते-मरते हैं..से भरा जोश
राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा नगर भवन में कवि सम्मेलन का आयो

जासं,सिमडेगा: राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा नगर भवन में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जहां देश- विदेश के कवियों ने काव्य पाठ एवं हास्य रस की प्रस्तुति देकर लोगों का खूब मनोरंजन किया। काव्य की धारा रात तक बहती रही। लोगों ने श्रृंगार रस से लेकर हास्य व वीर रस की भी
प्रस्तुति सुन आह्लादित होते रहे। सम्मेलन में सबसे पहले सिमडेगा एसपी डा. शम्स तब्रेज ने महफिल में अपने नब्ज पेश करते हुए चार चांद लगा दिए। इसके बाद एक से बढ़ कर एक गजल और शायरी पेश किए।एसपी ने राह से भटकने वाले साथियों
को संदेश देते हुए कहा कि आ जाओ अब गले से लगा लूं फसादियों, शिद्दत पसंद
राह पर चलना फिजूल है।मकतूल को उठाए हवालात चल पड़ा, कातिल जरूर है,पर वो बावसूल है। मधुपर की रोशन हबीबा ने देशभक्ति प्रस्तुति देकर लोगों में गर्व का
अहसास दिलाया। उसने गाया है वीर लोग जो सरहद पर जीते-मरते हैं, वो दुश्मनों से कहां डरते हैं। बेहरिन से अपने देश में आए अनवर कलाम ने भी अपने शायरी पेश करते हुए कहा कि कितनी मुश्किल से बहुत देर मनाने के बाद,चांद निकला है,कई जुगनू दिखाने के बाद। उन्होंने गजल पेश करते हुए समा बांध दिया। गाया कि आओ न बैठो फिर मुलाकात हो न हो। इक दूसरे के हाथों में फिर हाथ हो न हो पेश
किया। तो रामगढ़ के आए सरोज झा झारखंडी ने अपनी प्रस्तुति से लोगों का खूब मनोरंजन किया। साथ ही व्यवस्था पर भी संदेश दिए। उन्होंने कहा कि तेरों वादों को असर दिखता नहीं, है, कमाल है तेरे खिलाफ कोई लिखता नहीं है। कहां तो तय था सूरज-चांद की रोशनी,यहां तो कोई जुगून भी दिखता नहीं है। इसके अलावे भी
अन्य कवि-कवियित्रियों ने अपनी शानदार एवं जानदार प्रस्तुति दी।इससे पहले उपायुक्त सुशांत गौरव, एसपी डॉ शम्स तब्रेज सहित पदाधिकारियों ने कवियों का स्वागत करते हुए दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की।कार्यक्रम का मंच संचालन मनोज कुमार मनु एवं अफताब अंजुम ने की।
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