उत्सक सम्मिलनी ने मनाई उत्कल गौरव मधुसूदन दास की 88वीं पुण्यतिथि
सामाजिक संगठन उत्कल सम्मिलनी ने शुक्रवार को उत्कल गौरव मधुसूदन दास की 88वीं पुण्यतिथि मनाई। इस अंसर पर खरसावां राजवाड़ी परिसर में कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन कर लोगों ने उत्कल गौरव मधुसूदन दास की तस्वीर पर माल्यार्पण किया।

संवाद सूत्र, खरसावां : सामाजिक संगठन उत्कल सम्मिलनी ने शुक्रवार को उत्कल गौरव मधुसूदन दास की 88वीं पुण्यतिथि मनाई। इस अंसर पर खरसावां राजवाड़ी परिसर में कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन कर लोगों ने उत्कल गौरव मधुसूदन दास की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। श्रद्धांजलि देने वालों में उत्कल सम्मिलनी के जिलाध्यक्ष हरिशचंद्र आचार्या, उपाध्यक्ष सुमंत चंद्र मोहंती, महासचिव सुशील षाडं़गी, सेवानिवृत्त शिक्षक विरोजा पति, भरत मिश्रा, रंजीत मंडल, जयजीत षाडं़गी आदि शामिल थे। ज्ञात हो कि मधुसूदन दास के अथक प्रयास से 1903 में सामाजिक संगठन उत्कल सम्मिलनी का गठन हुआ था। इसके बाद एक अप्रैल 1936 को स्वतंत्र ओडिशा प्रदेश के गठन में मधुसूदन दास ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साथ ही ओडिया भाषा, साहित्य व संस्कृति के उत्थान में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे उत्कल सभा, उत्कल सम्मिलनी, उत्कल साहित्य समाज समेत विभिन्न संगठनों से जुडे़ हुए थे। मधु बाबू का जन्म 28 अप्रैल 1848 को ओडिशा के कटक जिले में हुआ था, जबकि उनका निधन चार फरवरी 1934 को हुआ था। वे पेशे से बैरिष्टर थे। मोदक समाज ने गणपति से की सुख-समृद्धि की कामना : खरसावां के बाजारसाही में शुक्रवार को बसंत चतुर्थी के अवसर पर मोदक समाज के लोगों ने गणेश मंदिर में प्रभु गणपति की पूजा-अर्चना की और उन्हें मोदक का भोग लगाया। इसके बाद लोगों के बीच प्रसाद बांटे गए। इस अवसर पर उपस्थित समाज के लोगों ने अपने ईष्ट देव की आरती उतारी और पुष्पांजलि अर्पित की। साथ ही क्षेत्र की सुख, शांति व समृद्धि के लिए गणपति से मन्नत मांगी। मौके पर इंद्रजीत मोदक, बबलू मोदक, सानिका मोदक, तापस मोदक समेत मोदक समाज के कई लोग उपस्थित थे।
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