KHARSAWAN : रेलवे ट्रैक पार करते समय Train की चपेट में आने से महिला की मौत
खरसावां के आमदा ओपी क्षेत्र में जरकाटोला के पास शनिवार दोपहर एक दुखद हादसे में 23 वर्षीय विनीता सामड़ की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। वह खेत से धान लेकर लौट रही थी जब थर्ड रेलवे लाइन पार करते समय ट्रेन की चपेट में आ गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना के बाद क्षेत्र में शोक का माहौल है। पुलिस ने रेलवे ट्रैक पार करते समय सावधानी बरतने की अपील की है।

फाइल फोटो।
संवाद सूत्र, खरसावां । आमदा ओपी क्षेत्र अंतर्गत जरकाटोला के पास एक दर्दनाक हादसे में 23 वर्षीय महिला की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। मृतका की पहचान जरकाटोला निवासी पवन सामड़ की पत्नी विनीता सामड़ के रूप में हुई है। यह घटना शनिवार दोपहर लगभग 12:40 बजे की बताई जा रही है।
आमदा ओपी प्रभारी रमन विश्वकर्मा ने बताया कि मृतका का खेत थर्ड रेलवे लाइन के दूसरी ओर स्थित है। शनिवार को वह खेत से धान की बीड़ा लेकर घर लौट रही थी।
धान लाने के लिए जैसे ही उसने थर्ड लाइन पार करना शुरू किया, उसी दौरान अचानक ट्रेन आ गई और वह उसकी चपेट में आ गई। जोरदार टक्कर लगने से महिला की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। आमदा ओपी पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कार्रवाई शुरू की।
ओपी प्रभारी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, जिसके बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। हादसे के बाद क्षेत्र में शोक का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि खेतों की ओर जाने वाले इस हिस्से में अक्सर लोग रेलवे लाइन पार करते हैं।
ट्रैक के पास कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने से खतरा बना रहता है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे रेलवे ट्रैक पार करते समय सावधानी बरतें और निर्धारित स्थानों का ही उपयोग करें, ताकि ऐसे हादसों से बचा जा सके।
असुरा गांव में युवक ने फंदे से झूलकर की आत्महत्या
खरसावां थाना क्षेत्र के असुरा गांव में शुक्रवार देर रात 27 वर्षीय विष्णु मुखी ने फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही खरसावां थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सरायकेला भेज दिया।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, विष्णु मुखी पिछले कुछ महीनों से मानसिक तनाव में था। उसका 15 वर्षीय पुत्र गंभीर बीमारी से पीड़ित था, जिसके उपचार के लिए हर माह खून की आवश्यकता होती थी।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, विष्णु मुखी पिछले कुछ महीनों से मानसिक तनाव में था। उसका 15 वर्षीय पुत्र गंभीर बीमारी से पीड़ित था, जिसके उपचार के लिए हर माह खून की आवश्यकता होती थी।
बेटे की लगातार बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के साथ-साथ आर्थिक तंगी ने विष्णु को मानसिक रूप से कमजोर कर दिया था। इसी दबाव में उसने यह दुखद कदम उठाया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि विष्णु मुखी मेहनती व्यक्ति थे। लेकिन लगातार परेशानियों के कारण उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। घटना के बाद गांव में शोक का माहौल है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि विष्णु मुखी मेहनती व्यक्ति थे। लेकिन लगातार परेशानियों के कारण उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। घटना के बाद गांव में शोक का माहौल है।

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