Jharkhand News: 1600 कनेक्शन होने के बावजूद पानी की किल्लत, रोज कहां गायब हो जाता है 25 लाख लीटर पानी?
सरायकेला में पानी की समस्या से लोग परेशान हैं। नगर पंचायत क्षेत्र में 1600 कनेक्शन होने के बावजूद पानी की किल्लत बनी हुई है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग 25 लाख लीटर से अधिक पानी की आपूर्ति करता है फिर भी समस्या जस की तस है। अवैध कनेक्शन और मोटर के इस्तेमाल से पानी की चोरी हो रही है।

गुरदीप राज, सरायकेला। सरायकेला मुख्यालय स्थित नगर पंचायत क्षेत्र में स्थानीय लोगों को हर दिन पानी की समस्या से जूझना पड़ता है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के परिसर में 11 लाख लीटर क्षमता वाली तीन पानी टंकी (5,4 और 2 लीटर क्षमता वाली तीन टंकी) में सुबह-शाम 25 लाख लीटर से अधिक पानी भरा जाता है और क्षेत्र में आपूर्ति की जाती है।
इसके बावजूद स्थानीय लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है। नगर पंचायत के अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से पानी का कनेक्शन लेने वालों और जलापूर्ति के समय मोटर चलाने वालों पर कार्रवाई नहीं करने के कारण जलापूर्ति की समस्या उत्पन्न होने लगी है। जब स्थानीय लोग आक्रोशित होकर पानी के लिए हंगामा करते हैं, तब नगर पंचायत के अधिकारी सक्रिय होते हैं, बाद में पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।
क्षेत्र में 1600 कनेक्शन, फिर भी पानी हो रहा कम
सूत्रों की मानें तो वर्ष 2017 में नगर पंचायत क्षेत्र में 1600 पानी कनेक्शन हैं। लेकिन इन आठ वर्षों में अब तक दस्तावेजों में कनेक्शनों की संख्या इतनी ही अंकित है। नियमानुसार प्रत्येक व्यक्ति को 135 लीटर पानी की आपूर्ति की जानी है। ऐसे में, अगर एक परिवार में पाँच सदस्य हैं, तो एक परिवार को 675 लीटर पानी की आपूर्ति की जानी है।
यानी, अगर इलाके में 1600 कनेक्शन हैं, तो 10,80,000 लीटर पानी आपूर्ति के लिए पर्याप्त होगा। लेकिन जल आपूर्ति एजेंसी का कहना है कि वे इलाके में हर दिन 25 लाख लीटर से ज़्यादा पानी की आपूर्ति करते हैं। जब तक लाइन है, वे लगातार मोटर के ज़रिए टंकी में पानी डालते रहते हैं। ऐसे में सुबह और शाम दोनों समय टंकी में 25 लाख लीटर से ज़्यादा पानी डाला जाता है। अगर इलाके में अवैध कनेक्शन नहीं हैं, तो पानी कहाँ जाता है?
लोग मोटर चलाकर खींचते हैं पानी
नगर पंचायत क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने सरकारी और गैर-सरकारी, दो तरह के बिजली कनेक्शन ले रखे हैं। जब पानी की आपूर्ति होती है, तो सरकारी बिजली काट दी जाती है ताकि कोई मोटर का इस्तेमाल न कर सके। लेकिन कई घरों में इन्वर्टर लगे हैं। वे इन्वर्टर के ज़रिए मोटर चलाकर पानी भरते हैं। गैर-सरकारी (जुस्को) बिजली कनेक्शन वाले घरों में मोटर लगाकर क्षमता से ज़्यादा पानी खींचा जाता है। जिससे जिन इलाकों में मोटर से पानी खींचा जा रहा है, वहाँ कभी पानी आता है तो कभी नहीं आता। सरायकेला के पथागार से लेकर थाना चौक तक अक्सर पानी की समस्या बनी रहती है।
सरायकेला में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। अगर संबंधित अधिकारी पानी की समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें अपना काम छोड़कर पानी की आपूर्ति की ज़िम्मेदारी एनजीओ को सौंप देनी चाहिए।
-ललित चौधरी, समाजसेवी
सरकार लोगों को बुनियादी सुविधाएँ भी नहीं दे पा रही है। सरायकेला पानी, बिजली और सड़क, तीनों ही क्षेत्रों में पिछड़ा हुआ है। कभी बिजली नहीं आती, तो कभी कई दिनों तक पानी की आपूर्ति नहीं होती।
-दिलीप अग्रवाल, अधिवक्ता
इलाके में कई महीनों से पानी की समस्या चल रही है। लेकिन विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि पानी की आपूर्ति पूरी तरह से हो रही है। अधिकारियों को इस बात की जाँच करनी चाहिए कि सड़क के बीच से पानी कहाँ गायब हो रहा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।