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    सरायकेला में गौ तस्करों पर ग्रामीणों का गुस्सा: स्कॉर्पियो जलाई, एक तस्कर पकड़ाया

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 08:00 PM (IST)

    सरायकेला में गौ तस्करों के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीणों ने एक स्कॉर्पियो को आग के हवाले कर दिया और एक तस्कर को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। यह घटना गौ तस्करी के खिलाफ स्थानीय लोगों के बढ़ते विरोध को दर्शाती है।

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    तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा स्कार्पियों को किया आग के हवाले। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, सरायकेला। सरायकेला-खरसावां जिले में अक्सर गौ तस्करों का सामाना ग्रामीणों से हो रहा है। पुलिस की गश्ती के बावजूद बेखौफ गौ तस्कर धड़ल्ले से रात के अंधेरे में वाहनों से गोवंश तस्करी कर रहे हैं।

    ऐसा ही एक मामला शनिवार की रात सरायकेला थाना क्षेत्र के रंगामटिया गांव का है। जहां पहले से ही झूमर व बूगी बूगी कार्यक्रम का आयोजन दो स्थानों पर किया जा रहा था।

    जहां सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जुटे हुए थे। उसी मार्ग से एक स्कार्पियों में गोवंश तस्कर ले जा रहे थे। ग्रामीणों को जब इसकी भनक हुई तो ग्रामीणों ने स्कार्पियों को घेर लिया।

    ग्रामीणों की संख्या देखकर एक तस्कर तो मौके से भागने में सफल हो गया जबकि दूसरा तस्कर मो. आदिल को ग्रामीणों ने पकड़ लिया और उसकी जमकर धुनाई कर दी।

    तब तक मौके पर पुलिस पहुंच गई और ग्रामीणों के हाथ से मो. आदिल को सुरक्षित बचा कर अस्पताल पहुंचाया।वहीं गुस्साए ग्रामीणों ने स्कार्पियों के अन्दर से गाय व बैलों को बाहर निकाला और स्कार्पियों को आग के हवाले कर दिया।

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    धू-धू ग्रामीणों को सामने स्कार्पियों जल कर स्वाह हो गई। सरायकेला पुलिस ग्रामीणों को समझा कर उनके गुस्से को शांत कराया और स्कार्पियों से बरामद मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

    पुलिस ने ग्रामीणों को तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए। इस घटना के बाद तस्करों के बीच हड़कंप मच गया है। यह जिले में पहली बार हुआ है जब तस्करों के वाहन को आग के हवाले किया गया।

    मुख्य सड़क की बजाय ग्रामीण क्षेत्र से गुजरते हैं तस्कर

    ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई के बावजूद तस्कर बिना किसी खौफ को गोवंश की तस्करी कर रहे हैं। तस्कर अब मुख्य मार्ग से नहीं जा जाकर ग्रामीण क्षेत्रों से चोरी छुपके मवेशियों की तस्करी कर रहे हैं। तस्कर पुलिस की पकड़ से बचने के लिए अब मुख्य सड़कों की बजाय गांव के कच्चे रास्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं।