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    कुड़मी रेल रोको आंदोलन के सामने धारा-144 की निकली हवा, ट्रैक पर ही खिचड़ी बनाकर खाया

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 11:07 PM (IST)

    सरायकेला में कुड़मी समुदाय ने अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर रेल रोको आंदोलन किया। नीमडीह गम्हरिया चांडिल और सीनी रेलवे स्टेशनों पर हजारों लोगों ने रेल चक्का जाम किया जिससे वंदे भारत एक्सप्रेस को लौटना पड़ा। सांसद प्रतिनिधि सूरज महतो ने मांग पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने की घोषणा की।

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    रेल रोको सड़क घेरो आंदोलन में शामिल लोग। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, सरायकेला। अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर कुड़मी समुदाय के द्वारा शनिवार की सुबह पांच बजे से ही रेल टेका डोहोर छेका यानी रेल रोको सड़क घेरो आंदोलन में शामिल हो गए।

    सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह, गम्हरिया, चांडिल व सीनी रेलवे स्टेशन में आरपीएफ और जिला पुलिस की मौजूदगी में हजारों की संख्या में कुड़मी समुदाय के लोगों ने रेल चक्का जाम कर रेलवे ट्रैक पर बैठ गए।

    350 से अधिक संख्या में फोर्स सीनी स्टेशन में तैनात है, इसके बावजूद कुड़मी समुदाय के युवाओं ने रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया और ट्रैक पर ही बैठ गए। सीनी रेलवे स्टेशन के पास सरायकेला एसडीओ, सीओ व बीडीओ सहित अन्य अधिकारी पहुंचे थे।

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    शांति पूर्वक तरीके से पूरे ट्रैक पर कुड़मी समुदाय के लोग मौजूद थे। सीनी में सांसद प्रतिनिधि सूरज महतो कुड़मी समुदाय का नेतृत्व कर रहे थे। भारी संख्या में समुदाय के लोग धीरे धीरे सीनी रेलवे स्टेशन स्थित जाम स्थल पर पहुंचने लगे।

    देर शाम को आन्दोलन और तेज हो गया और हजारों की संख्या में कुड़मी समुदाय के युवा अपनी मांगों की आवाज को बुलंद कर रहे थे। सीनी के समीप मुंडाटांड के समीप वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन तो पहुंच गई। लेकिन भीड़ व आन्दोलनकारियों को देखकर ट्रेन को वापस उसी रुट से लौट गई।

    कुड़मी आंदोलन के कारण सीनी स्टेशन में एक मालगाड़ी को रोका गया है। सांसद प्रतिनिधि सूरज महतो ने कहा कि जब तक कुड़मी समुदाय की मांग पूरी नहीं होती। तब तक अनिश्चितकालीन रेल चक्का जाम रहेगा।

    144 की निकली हवा

    जिला प्रशासन द्वारा धारा 144 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत निषेधाज्ञा जारी की गई है। यह निषेधाज्ञा 19 सितम्बर अपराह्न छह बजे से प्रभावी होकर अगले आदेश तक लागू की गई थी। इसके बावजूद कुड़मी समुदाय के लोग ट्रैक पर डटे हुए है जबकि रेल लाइनों के 300 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू की है। प्रशासन द्वारा जारी निषेधाज्ञा की हवा कुड़मी समुदाय के आन्दोलन के दौरान निकल गई।

    ट्रैक पर ही बनाई खिचड़ी

    कुड़मी समुदाय के लोगों द्वारा एक तरफ आन्दोलन करते हुए रेल चक्का जाम कर दिया था। वहीं, दूसरी ओर इन आन्दोलनकारियों के लिए खिचड़ी तैयारी हो रही थी। हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों के लिए रेलवे ट्रैक के समीप ही खिचड़ी तैयार कर ट्रैक पर ही बैठकर समुदाय के लोगों ने दोपहर को खाया।