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    एसएम स्टील कंपनी की स्थापना के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध, जमीन धोखाधड़ी और प्रदूषण का आरोप

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 06:38 PM (IST)

    ग्रामीणों ने एसएम स्टील कंपनी की स्थापना का विरोध किया है। उनका आरोप है कि कंपनी ने जमीन धोखाधड़ी से हासिल की और प्रदूषण फैलाएगी। किसानों का कहना है कि उन्हें जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिला और कंपनी ने नियमों का उल्लंघन किया। ग्रामीणों ने सरकार से कंपनी की स्थापना रोकने की मांग की है।

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    कंपनी की स्थापना के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध

    संवाद सहयोगी,नीमडीह। सरायकेला खरसावां जिला अंतर्गत नीमडीह प्रखंड के आदरडीह में प्रस्तावित एसएम स्टील कंपनी स्थापना के विरोध में पांच मौजा आदरडीह, गैरिडीह, लोवाबेड़ा, बनडीह एवं गौरडीह के ग्रामीण उतरें। बुधवार को आदरडीह दुर्गा मंदिर परिसर में पांच मौजा के ग्रामीणों ने आमसभा आयोजित की। 

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    ग्रामीणों एक स्वर में आवाज बुलंद करते हुए कहा कि कंपनी द्वारा ग्रामीणों के साथ अनुबंध के विपरीत काम किया जा रहा है तथा प्रदूषण वाले फैक्ट्री लगाने की योजना है। 

    ग्रामीणों ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए किसी भी कीमत में कंपनी की स्थापना करने नहीं दिया जायेगा। आवश्यकता पड़े तो जमीन अधिग्रहण स्थल से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक जोरदार आंदोलन किया जायेगा।

    सेकंड पार्टी का नाम गायब 

    ग्रामीणों का कहना है कि जमीन को ''बंजर'' बताकर एस एम स्टील एंड पावर लि. के प्रबंधक राजीव कुमार मुखर्जी के साथ मिलीभगत से चांडिल के एक तथा दर्जनों स्थानीय दलालों ने दलाली कर सौदा पक्का किया और रैयतदारों को उचित मुआवजा नहीं देकर वे लोग करोड़पति बन गए. आम सभा में जमीन मालिकों ने कहा कि अनुबंध कागजात में फर्स्ट पार्टी का नाम तो है, लेकिन सेकंड पार्टी का नाम गायब है। 

    44 हजार रुपये प्रति डिसमिल के हिसाब से जमीन लिखी गई, लेकिन हमें सिर्फ 11 हजार रुपये प्रति डिसमिल दिया गया। यहां तक कि रक़म के स्थान पर खाली जगह छोड़ दी गई ताकि मनमर्जी रकम भरी जा सके।

    झारखंड नव निर्माण क्रांतिकारी मोर्चा का समर्थन

    आमसभा में आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे झारखंड नव निर्माण क्रांतिकारी मोर्चा के मुख्य संरक्षक एवं कालिंदी समाज के अध्यक्ष कृष्णा कालिंदी ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा मैं खुद एक विस्थापित बेटा हूं। चांडिल डैम का दर्द 43 वर्षों से झेल रहे हैं, लेकिन आज तक न्याय नहीं मिला। आप सभी से निवेदन है कि वही गलती दोहराएं नहीं। 

    जमीन और पर्यावरण की रक्षा के लिए एकजुट रहें। सभा में काफी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति रही। लोगों ने नारे लगाकर कंपनी का विरोध जताया और स्पष्ट किया कि जब तक उनकी जमीन और पर्यावरण की सुरक्षा की गारंटी नहीं मिलती वे कंपनी स्थापना के विरोध में आंदोलन जारी रखेंगे।