JMM-कांग्रेस पर पूर्व CM चम्पाई का बड़ा आरोप, कहा- 'घुसपैठियों को बसाकर अबुआ सरकार बदल रही झारखण्ड की डेमोग्राफी'
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने जेएमएम और कांग्रेस पर राज्य की डेमोग्राफी बदलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 'अबुआ आवास योजना' के तहत घुसपैठियों को बसाया जा रहा है, जिससे राजनीतिक अस्थिरता का खतरा है।
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पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन का जेएमएम-कांग्रेस पर बड़ा हमला। फोटो जागरण
संवाद सूत्र, राजनगर। आदिवासी मूलवासियों के अधिकार, भूमि और अस्मिता की रक्षा के लिए संघर्ष की पुकार एक बार फिर तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने बुधवार को राजनगर में प्रेस कांफ्रेस कर झामुमो-कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर तीखा हमला बोला।
चम्पाई ने कहा वर्तमान अबुआ सरकार झारखण्ड की डेमोग्राफी बदलने का काम कर रही है। चम्पाई ने कहा कि आदिवासी वीरों ने हमेशा अपनी हक व जमीन को बचाने की लड़ाई लड़ी।
चाहे 1770 में बाबा तिलका मांझी हो, उसके बाद वीर रघुनाथ सिंह के नेतृत्व में चुआड़ विद्रोह हो या फिर कोल्हान में वीर पोटो हो, संताल परगना में वीर सिदो कान्हू हो, धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा, वीर टाना भगत, वीर तेलंगा खड़िया और ना जाने कितने ऐसे गुमनाम शहीद हैं, जिनके बिना भारत के स्वतंत्रता संग्राम की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
लेकिन कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा इनके योगदान को कम दिखाने का प्रयास किया। कांग्रेस की सरकारें आंदोलन को कुचलने की कोशिश की और कई गोली कांड हुए जिनमें अनगिनत लोग शहीद हुए। यहां तक कि कोल्हान के ईचा डैम आंदोलन में गंगाराम कालूंडिया तक को गोली मरवाई गई।
केंद्र में भाजपा नहीं होती तो नहीं मिलता अलग झारखण्ड राज्य
चम्पाई ने कहा कि कांग्रेस ने झारखण्ड अलग राज्य की मांग को हमेशा कुचलने का काम किया। आंदोलन को दबाने के लिए कई गोलिकांड को अंजाम दिया। ज़ब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी तब जाकर 15 नवम्बर 2000 को भगवान बिरसा मुंडा जयंती के दिन अलग राज्य का गठन कर आदिवासी भावना का सम्मान किया।
चम्पाई ने कहा कि यदि केंद्र में तत्कालीन अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार नहीं बनती, तो आज भी झारखण्ड अलग नहीं होता और अलग राज्य के लिए आंदोलन होते रहते, जिन्हें कांग्रेस कुचलने का काम करती रहती।
मोदी सरकार आदिवासियों की असली हितैषी
चम्पाई ने कहा कि नरेंद्र मोदी ही आदिवासी मूलवासियों की हितैषी सरकार है। मोदी सरकार ने आदिवासियों के विकास के लिए 1.26 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया। साल 2014 से पहले देश में मात्र 123 एकलव्य विद्यालय थे।
अब 715 मॉडल एकलव्य आवासीय विद्यालय हो चुके हैं। इनमें से 426 विद्यालय चल रहे हैं। बाकी निर्माणाधीन हैं। इन एकलव्य विद्यालयों में आज 1.32 लाख आदिवासी समाज के विद्यार्थी पढ़ रहे हैं।
मोदी सरकार में कई राज्यों में आदिवासी समाज के लोग राज्यपाल बने। देश में पहली आदिवासी राष्ट्रपति के तौर पर द्रौपदी मुर्मू को देख कर हमें गर्व होता है। यह उपलब्धि भी भाजपा की वजह से ही मिली।
22 दिसम्बर को भोगनाडीह में अबुआ सरकार का करेंगे फर्दाफाश
चम्पाई सोरेन ने कहा कि 15 नवंबर से आदिवासी अस्तित्व, रूडीवादी, स्वशासन व्यवस्था व स्मिता का बचाने का उलगुलान शुरू होगा, जो 22 दिसंबर को सिदो कान्हू के जन्म स्थल भोगनाडीह में समाप्त होगा, जिसमें लाखों लोगों के बीच अबुआ सरकार के आदिवासी विरोधी चेहरा का फर्दाफाश करेंगे।
चम्पाई सोरेन ने चेतावनी दी कि झारखंड की सत्ता में बैठे वैसे लोग, जो स्वयं सीएनटी एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर रहे हैं, आदिवासियों की जमीन लूट रहे हैं अथवा लुटवा रहे हैं, उन्हें आज नहीं तो कल एनोस एक्का की तरह होटवार जेल जाना होगा। प्रेस कांफ्रेस में सिदु कान्हू के वंसज मंडल मुर्मू मौजूद थे।

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