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    अब हेमंत की बारी? BJP के साथ कर सकते हैं 'खेला', भितरघात का भी खतरा; कोल्हान के लिए ये है प्लानिंग

    Updated: Sun, 01 Sep 2024 10:07 AM (IST)

    झामुमो के कद्दावर नेता और झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन अब भाजपा के पाले में चले गए हैं। इससे झारखंड की सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। अब हेमंत को कोल्हान क्षेत्र की चिंता सता रही है। ऐसे में हेमंत की नजर अब भाजपा नेताओं पर है। वह ऐसे नेता की तलाश में हैं जो चंपई को मात दे सकता है।

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    झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन। फाइल फोटो

    गुरदीप राज, सरायकेला। कोल्हान टाइगर चंपई सोरेन के झामुमो से नाता तोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद कोल्हान में सबसे हॉट सीट अभी सरायकेला विधानसभा बन चुकी है। जहां एक पूर्व मुख्यमंत्री व दूसरा वर्तमान मुख्यमंत्री के बीच टकराव की स्थिति बनने लगी है।

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    इस सीट पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गहन मंथन कर रहे हैं और हेमंत सोरेन ऐसे प्रत्याशी को लाकर चंपई सोरेन के बराबर खड़ा करने वाले हैं, जो चंपई को बराबर टक्कर दे सके।

    भाजपा से झामुमो में शामिल हो सकते हैं सरायकेला सीट के दावेदार

    सूत्रों की माने तो जिस तरह से भाजपा ने सरायकेला विधानसभा से भाजपा की जीत तय करने के लिए चंपई सोरेन को झामुमो से भाजपा में शामिल कराया है। उसी तरह झामुमो भी सरायकेला विधानसभा की सीट को अपने झोली में ही रखना चाहती है।

    इसके लिए वह भाजपा के दिग्गज नेताओं को जल्द ही झामुमो में शामिल करा सकती है। फिर उनमें से एक नेता

    को झामुमो की सीट से सरायकेला विधानसभा में चुनाव में उतारेगी। झामुमो की निगाह भाजपा की तरफ से उम्मीदवारी का दावा कर रहे प्रत्याशियों पर है।

    भितरघात का खतरा

    सूत्रों की माने तो चंपई सोरेन की राह भाजपा में आसान नहीं दिखती। सरायकेला विधानसभा सीट ही नहीं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी कई दिग्गज भाजपाइयों की निगाह है। झामुमो के कद्दावर नेताओं में चंपई सोरेन की गिनती होती है।

    झारखंड को चंपई सोरेन बारिकी से समझते हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए चंपई सोरेन अभी पहले नंबर पर चल रहे हैं। यह सोच कर भाजपा के दिग्गज नेताओं ने चंपई सोरेन के भाजपा में आने की राह पर रोड़े तो अटकाए थे, लेकिन उपरी हस्तक्षेप के बाद झारखंड के नेताओं को चुप्पी साधनी पड़ी।

    चिंगारी अंदर ही अंदर सुलग रही है। भाजपा में कई ऐसे नेता है, जिनको चंपई फूंटी आंख नहीं भाते। यहां बता दें कि कुछ भाजपाई सरायकेला सीट पर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए वर्षों से मेहनत कर रहे हैं।

    ऐसे में अचानक चंपई सोरेन के उक्त सीट पर दावा करने से मेहनत करने वाले भाजपाइयों का रुख झामुमो की ओर होने की पूरी संभावना है।

    कोल्हान में दिग्गज को घेरने की है  परंपरा

    सूत्रों की माने तो किसी एक दिग्गज को हराने के लिए कोल्हान में कई नेता आपस में हाथ मिला लेते हैं। यहां घेर कर दिग्गज को हराने की पुरानी परंपरा रही है। वर्ष 2014 के चुनाव में अर्जुन मुंडा को खरसावां में घेर लिया गया था। उनको हराने के लिए कई अलग अलग दल के दिग्गजों ने हाथ मिला लिया था।

    इनमें भाजपा के कुछ ऐसे बड़े नेता शामिल थे जिनकी महत्वाकांक्षा हिलोरें मार रही थीं। दिग्गजों ने झामुमो उम्मीदवार दशरथ गागराई की हर तरह से मदद की। 

    रणनीति थी कि अर्जुन मुंडा को खरसावां में धराशायी कर दिया जाए ताकि वह सीएम की कुर्सी तक नहीं पहुंच पाएं, वही हुआ। अर्जुन मुंडा जैसे दिग्गज को दशरथ गागराई से शिकस्त खानी पड़ी।

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