निर्माणाधीन अस्पताल को पूरा करने का होगा प्रयास : डीसी
सोमवार को उपायुक्त अरवा राजकमल ने राजखरसावां (आमदा) स्थित निर्माणाधीन 500 बेड के मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्माणाधीन अस्पताल के कार्यों की जानकारी ली..

संसू, खरसावां : सोमवार को उपायुक्त अरवा राजकमल ने राजखरसावां (आमदा) स्थित निर्माणाधीन 500 बेड के मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्माणाधीन अस्पताल के कार्यों की जानकारी ली। भवन निर्माण विभाग के कनीय अभियंता ने बताया कि अस्पताल निर्माण का कार्य लगभग 50-60 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। कोविड-19 संक्रमण के कारण पिछले कुछ दिनों से निर्माण कार्य बंद है। उपायुक्त ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने अस्पताल में आवश्यकतानुसार विजिबिलिटी या मॉडिफिकेशन सं संबंधित सुझाव के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई है। सचिव के निर्देशानुसार तीन सदस्य टीम में एक सदस्य को मनोनीत करना था। टीम में जिला स्तर पर अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला को मनोनीत किया गया है। बताया कि निर्माणाधीन अस्पताल में आवश्यकतानुसार मॉडिफिकेशन के लिए कमेटी के सदस्यों ने भी निरीक्षण किया है। कमेटी की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेज दी गई है। निर्माणाधीन अस्पताल का कार्य शुरू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के सचिव के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि फिलहाल अस्पताल का निर्माण कार्य किस कारण से बंद है और कार्य को शुरू कराने के लिए राज्य व केंद्र सरकार के बीच किसी प्रकार के को-ऑर्डिनेशन की आवश्यकता हो तो जिला प्रशासन इसके लिए प्रयास करेगा। कोल्हान के लिए संजीवनी हो सकता है पांच सौ बेड का अस्पताल : आमदा में निर्माणाधीन पांच सौ बेड का अस्पताल कोल्हान के लिए स्वास्थ्य से संबंधित मामलों में संजीवनी साबित हो सकता है। पिछले 10 वर्षो से अस्पताल का निर्माण कराया जा रहा है, परंतु अब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। अस्पताल के निर्माण में हो रहे विलंब का मामला पांच-सात बार विधान सभा में उठाया जा चुका है। हर बार निर्माण कार्य पूरा करने की तिथि जारी की गई, परंतु अब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ। आमदा में लगभग 154 करोड़ की लागत से पांच सौ बेड के अस्पताल का निर्माण कराया जा रहा है। यदि समय पर अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा हो जाता तो कोल्हान प्रमंडल के लोगों के लिए यह अस्पताल वरदान साबित होता। अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा होने पर सरायकेला-खरसावां, पूर्वी सिंहभूम व पश्चिमी सिंहभूम के लोगों को रांची रिम्स, एमजीएम जमशेदपुर जैसे अस्पतालों पर निर्भर नहीं होना पड़ता।
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