सरायकेला, जेएनएन। सरायकेला के धातकीडीह गांव में भीड़ की पिटाई के बाद युवक तबरेज अंसारी की हिरासत में मौत मामले में पुलिस अब तक पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा मामले की प्रारंभिक जांच के बाद लापरवाही के दोषी पाए गए खरसावां थाना प्रभारी और सीनी के ओपी प्रभारी सहायकअवर निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। घटना की जांच अब एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) करेगी। टीम को 48 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपनी है।
बता दें कि इससे पहले चोरी के आरोप में ग्रामीणों की पिटाई में गंभीर रूप से घायल तबरेज अंसारी की न्यायिक हिरासत में जेल में शनिवार को हुई मौत के मामले में पुलिस ने एक आरोपित को गिरफ्तार किया था। इस मामले में तबरेज की पत्नी शहिस्ता परवीन द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने रविवार को धातकीडीह गांव से मुख्य अभियुक्त पप्पु मंडल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं, राजनीतिक दलों ने इस घटना की निंदा की है।
गुलाम नबी आजाद बोले, झारखंड लिंचिंग और हिंसा की फैक्ट्री बन गया
इस बीच, राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा झारखंड लिंचिंग और हिंसा की फैक्ट्री बन गया है। हर सप्ताह यहां दलित और मुस्लिम को मारे जा रहे हैं। प्रधानमंत्री, सबका साथ सबका विकास की लड़ाई में हम आपके साथ हैं लेकिन यह जनता को दिखना चाहिए। हम इसे कहीं नहीं देख सकते हैं। उन्होंने कहा नए भारत में लोग एक दूसरे के दुश्मन न गए हैं। आप जंगल में जानवरों से नहीं डरेंगे लेकिन कॉलोनी में मनुष्यों से डर जाएंगे। हमें वह भारत दे दो जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई एक दूसरे के लिए जीते हैं।
जिले के आरक्षी अधीक्षक कार्तिक एस ने कहा कि मॉब लिंचिंग के इस मामले की हर बिंदु से जांच की जा रही है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। शहिस्ता ने हत्या की नीयत से तबरेज को घेरकर पीटने का आरोप लगाते हुए पप्पू मंडल समेत सौ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
निलंबित होंगे सीनी थाना प्रभारी, डीआइजी ने मांगी रिपोर्ट
भीड़ के हत्थे चढ़े तबरेज अंसारी की मौत को कोल्हान डीआइजी कुलदीप द्विवेदी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने जिले के एसपी से 24 घंटे के भीतर सीनी थाना प्रभारी और अवर निरीक्षक की लापरवाही से संबंधित रिपोर्ट मांगी है और कार्रवाई का आदेश दिया है। सीनी थाना प्रभारी का सोमवार को निलंबित होना तय माना जा रहा है। साथ ही, अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) से उनके स्तर पर की गई कार्रवाई पर स्पष्टीकरण है। तबरेज के परिजन का आरोप है कि ग्रामीणों की पिटाई से वह घायल हो गया था। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की।
जानें, क्या है मामला
कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला जेल में कैदी की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस और जेल प्रशासन कठघरे में है। आरोप है कि पुलिस ने कसूरवारों को बचाने के चक्कर में एक बेकसूर की जान ले ली। जेल भेजने से पहले या जेल में बंदी का मुकम्मल इलाज किया गया होता तो मौत नहीं होती।
चोरी के आरोप में जेल भेजे गए खरसावां के कदमडीहा निवासी तबरेज अंसारी की गत शनिवार को मौत हो गई। बताया गया कि तबरेज शनिवार की सुबह जेल में बेहोश हो गया था। उसे तत्काल अस्पताल लाया गया जहां उसकी मौत हो गई। तबरेज की पत्नी का कहना है कि जब उसके पति को अस्पताल लाया गया तब कोई डॉक्टर देखने को मौजूद नहीं था। कोई तीन घंटे बाद डॉ ओमप्रकाश केसरी आये और देखे बगैर दूर से ही कह दिया कि मौत हो गई है। इसके बाद पोस्टमार्टम की तैयारी की जाने लगी। जब परिजनों ने असहमति जताई और सांस चलने की बात कही गई तो तबरेज को जमशेदपुर के टीएमएच के लिए रेफर कर दिया गया।
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जानिए, अस्पताल के उपाधीक्षक ने क्या कहा
अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ बरियल मार्डी ने कहा कि यह सही है कि तबरेज की मौत हो चुकी थी। लेकिन जब परिजन मानने को तैयारी नहीं थे तो उन्होंने दोबारा जांच कराई। ईसीसी की गई। उसकी सांसे थम चुकी थी। हालांकि, हंगामा के मद्देनजर तबरेज को टीएमएच रेफर कर दिया गया।
पुलिस ने बताई ये कहानी
पुलिस हिरासत में तबरेज।
सरायकेला पुलिस ने बताया था कि थानांतर्गत धातकीडीह गांव में सोमवार यानी 17 जून की देर रात चोरी करने के लिए घर में घुसे एक चोर को ग्रामीणों ने दबोच लिया जबकि दो साथी ग्रामीणों को चकमा देकर भागने में सफल रहे। चंगुल में आए चोर की ग्रामीणों ने लात, मुक्का और डंडा से बुरी तरह से जमकर पिटाई की।
सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने चोर को ग्रामीणों के चंगुल से निकालकर अपने कब्जे में लिया और सदर अस्पताल पहुंचाया। सदर अस्पताल में उपचार के बाद उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। थाना प्रभारी ने बताया था कि तबरेज ने कबूल किया है कि सरायकेला एवं महालीमुरुप और आसपास के क्षेत्र में साथियों के साथ मिलकर बाइक एवं अन्य सामान की चोरी करता है। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उसके घर में छापामारी कर चोरी गया राजेश प्रमाणिक का मोबाइल, लाइसेंस व आधार कार्ड एवं एक बाइक बरामद की।
पत्नी कह रही यह कहानी
सरायकेला सदर अस्पताल में बिलखती तबरेज की पत्नी।
तबरेज की पत्नी शहिस्ता परवीन ने आरोप लगाया कि ग्रामीणों की पिटाई से तबरेज की हालत बेहद बिगड़ गई थी। उसके सिर में काफी चोट थी। पुलिस ने इलाज के नाम पर खानापूरी कर आनन-फानन में जेल भेज दिया। पहले मुकम्मल इलाज कराकर जेल भेजा गया होता तो उसकी जान नहीं जाती। जेल में भी तबरेज का इलाज नहीं किया गया।
पत्नी को नौकरी देने की मांग
सरायकेला खरसावां में चोरी की आरोप में तबरेज नाम के युवक की पिटाई और बाद में अस्पताल में मौत पर परिजनो ने की मुआवजे और पत्नी को नौकरी देने की मांग। दोषियों पर हत्या का मुकदमा चलाने की मांग की है।
ये कहते तबरेज के चाचा
जमशेदपुर के टीएमएच में तबरेज के चाचा मकसूद ने जो कहानी बयां की वह हलकान करनेवाली है। उनका कहना है कि तबरेज अपने साथी के साथ खरसावां के कदमडीहा से जमशेदपुर जा रहा था। इसी दौरान सरायकेला के धतकीडीह में ग्रामीणों ने चोर बताकर पकड़ लिया और रात भर जमकर पीटा। सुबह को पुलिस को बुलाकर सौंप दिया गया। पुलिस ने परिजनों को सूचना तक नहीं दी। अन्य स्रोतों से सूचना पाकर जब परिजन थाना पहुंचे तो परिजनों को थानेदार ने ठीक से मिलने तक नहीं दिया। तबरेज की हालत गंभीर थी। जिसे देखकर परिजनों ने सही से इलाज कराने या पिफर इलाज कराने की परिजनों को इजाज देने का आग्रह किया तो धमकाकर भगा दिया और जल्दीबाजी में कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
चाचा मकसूद का कहना है कि तबरेज की साजिश के तहत हत्या की गई है और इसमें पुलिस ले लेकर जेल प्रशासन तक की मिलीभगत है। पुलिस ने जेल भेजने में जल्दीबाजी दिखाई वही जेल में तबरेज का इलाज नहीं किया गया। बकौल मकसूद-जेल में ही तबरेज की मौत हो गई थी और जेल प्रशासन ने अपना बचाव करने के लिए गंभीर हालत बताकर अस्पताल भेज दिया। अगर तबरेज की हालत गंभीर थी तो परिजनों को भी सूचना देनी चाहिए थी। ऐसा नहीं किया गया जो दर्शाता है कि मंशा क्या थी। मकसूद ने सरायकेला थाना प्रभारी, जेलर और जेल के डॉक्टर पर कार्रवाई और तबरेज की पिटाई करनेवालों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की है।
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