Move to Jagran APP

खटाई में पड़ा मधुबाजार में बनने वाला मल्टीपर्पस हॉल

शहर के मधुबाजार में चार करोड़ की लागत से पांच सौ लोगों को बैठने के लिए बनने वाला मल्टीपर्पस हॉल खटाई में पड़ गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 06:29 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 06:35 AM (IST)
खटाई में पड़ा मधुबाजार में बनने वाला मल्टीपर्पस हॉल
खटाई में पड़ा मधुबाजार में बनने वाला मल्टीपर्पस हॉल

त्रिवेणी अवस्थी, चाईबासा : शहर के मधुबाजार में चार करोड़ की लागत से पांच सौ लोगों को बैठने के लिए बनने वाले बहुउद्देशीय हॉल खटाई में पड़ गया है। यह योजना नगर विकास विभाग रांची की ओर से 2015 में स्वीकृत हुई थी। इसका चाईबासा नगर परिषद की ओर से निविदा निकालकर टेंडर भी हुआ। साथ ही ठेकेदार की ओर से जमीन समतलीकरण कर बाउंड्री भी किया गया। लेकिन कुछ विभागीय अड़चन आने के कारण आज तक जमीन जैसे-तैसे पड़ी है। जिस जगह में मल्टीपर्पस हॉल बनना था उस जगह पर लगभग 70 से 80 सब्जी की दुकानें रोजाना लगती थी। सब्जी दुकानदारों की इसी जगह से रोजी-रोटी चलती थी। अब इन सब्जी दुकानदारों को पीछे टीन शेड में बैठाकर पक्का चबूतरा बनवाकर नगर परिषद की ओर से 70 दुकानें बनाई गई है। इसमें 60 सब्जी विक्रेता अपनी दुकान रोजाना शाम के समय चला रहे हैं। नगर परिषद की ओर से प्रत्येक दुकान से 12 रुपये कर रोजाना वसूली की जाती है। माल्टीपर्पस हॉल जब नगर परिषद को लगा कि अब ठेकेदार की ओर से काम छोड़ दिया गया है तो तुरंत पांच करोड़ 26 लाख रुपये का डीपीआर बनाने के लिए रांची नगर विकास विभाग को 2017 में पास कराने के लिए भेजा गया जो अभी तक पास होकर नहीं आया है। जबकि जिस जगह पर मल्टीपर्पस हॉल बनना था उस जगह पर ठेकेदार का लगभग चार से पांच लाख रुपये समतलीकरण कराने में खर्च भी हो गए। साथ ही उसी समय डीपीआर कम होने की बात ठेकेदार की ओर से नगर परिषद को अवगत कराया गया था लेकिन नगर परिषद कार्यालय की ओर से आश्वासन मिला था कि काम शुरू करने के बाद डीपीआर बढ़ाया जाएगा। डीपीआर तो बढ़ा नहीं, योजना भी खटाई में लटक गई। जबकि इस स्थान पर अगर मल्टीपर्पस हॉल बन जाता तो स्थानीय लोगों को काफी सुविधा होती। साथ ही नगर परिषद के राजस्व में भी बढ़ोत्तरी होती। क्योंकि मल्टीपर्पज हॉल के ठीक सामने रोड किनारे दुकानें निर्माण कराने का प्रावधान था। इसमें लगभग 10 से 15 दुकानें निकलती जिसका किराये उठाकर प्रति माह नगर परिषद को राजस्व प्राप्त होता और मल्टीपर्पस हॉल में शादी-ब्याह व अन्य पार्टी स्थानीय लोग आराम से कर लेते।

loksabha election banner

---------------------

मल्टीपर्पस हॉल जहां पर बनना था वहां पर लगभग 150 साल पुराना तालाब हुआ करता था। नगर परिषद के पास कचड़ा निस्तारण के लिए जगह नहीं मिलने के कारण इसी तालाब में पूरे शहर का कचड़ा फेंका जाता था। एक दिन इस तालाब की स्थिति ऐसी हो गई कि तालाब तो पूरी तरह फुल हो गया और साथ ही तालाब के ऊपर लगभग सौ फीट का टीला लग गया था। 2016 में जब मल्टीपर्पज हॉल निर्माण के लिए समय आया तो कचड़े के टीला को कुछ हटाया गया और कुछ उसी जगह जेसीबी से बराबर करा दिया गया था। सब्जी मार्केट की जगह का जब स्थानांतरण का मामला आया तो दुकानदारों ने खूब विरोध किया। इस पर नगर परिषद ने पक्का शेड बनाकर दुकानदारों को सब्जी लगाने के लिए राहत दी, तब मामला शांत हुआ। लेकिन मल्टीपर्पस हॉल तो आज भी खटाई में लटका हुआ है।

----------------------------

मधुबाजार में 2015 में एयरकंडीशनल हॉल के लिए पहले चार करोड़ का डीपीआर बनाया गया था। उसमें जगह समतलीकरण के अलावा बाउंड्री ठेकेदार की ओर से की गई थी, लेकिन डीपीआर का बजट कम होने से ठेकेदार ने काम छोड़ दिया था। इसके बाद 2017 में नगर परिषद की ओर से पांच करोड़ 26 लाख का डीपीआर तैयार कर रांची नगर विकास विभाग को पास कराने के लिए भेजा था लेकिन अभी तक पास होकर नहीं आया है। हॉल निर्माण के लिए विभाग को पत्राचार किया जाएगा।

-अभय कुमार झा, कार्यपालक अभियंता, नगर परिषद, चाईबासा ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.