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Sahebganj News : साल भर आरोपों से पीछा छुड़ाते रहे पंकज मिश्रा, कभी घोटाले का तो कभी हत्या का लगा आरोप

साहिबगंज के लिए साल 2022 कुछ खास नहीं रहा लेकिन सुर्खियों में जरूर रहा। सुर्खियों में रहने के कई कई कारण थे लेकिन सबसे प्रमुख रहा खनन घोटाला और उससे सीएम हेमंत सोरेन के जन प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का संबंध।

By Pranesh KumarEdited By: Mohit TripathiThu, 29 Dec 2022 09:54 PM (IST)
Sahebganj News : साल भर आरोपों से पीछा छुड़ाते रहे पंकज मिश्रा, कभी घोटाले का तो कभी हत्या का लगा आरोप
पंकज मिश्रा समेत कई कारणों से सुर्खियों में रहा साहिबगंज।

साहिबगंज, डा. प्रणेश: साहिबगंज के लिए साल 2022 कुछ खास नहीं रहा लेकिन सुर्खियों में जरूर रहा। सुर्खियों में रहने के कई कई कारण थे, जिसमें खनन घोटाला, मनरेगा घोटाला, रुबिका हत्याकांड और जहाज दुर्घटना को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहा। इन सबसे प्रमुख रहा खनन घोटाला और उससे सीएम हेमंत सोरेन के जन प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का संबंध।

टोल कारोबारी की शिकायत के बाद खनन घोटालों तक पहुंचा ED का हाथ

खनन घोटाले की जांच की शुरुआत होती है, पाकुड़ के टोल कारोबारी शंभुनंदन भगत की शिकायत से, जब जांच के क्रम में प्रवर्तन निदेशालय को ऐसे तथ्य हाथ लगे कि वह जिले में अवैध खनन और परिवहन की जांच करने लगी। घोटाले के आरोप में बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और पत्थर कारोबारी बच्चू यादव रांची के होटवार जेल में बंद हैं। जहाज कारोबारी दाहू यादव और उनके भाई बच्चू यादव की तलाश पुलिस कर रही है। दर्जनभर पत्थर कारोबारी ईडी के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। डेढ़ दर्जन पत्थर खदानों की लीज को रद्द किया जा चुका है। सौ से अधिक क्रशर बंद कराया जा चुका है। देखा जाए तो 2022 में खनन घोटाले ने जिले को दागदार कर दिया।

विधायक प्रतिनिधि बनने के बाद से ही सुर्खियों में

दरअसल 2019 में सूबे में सत्ता परिवर्तन हुआ। हेमंत सोरेन की सरकार बनी। तब साहिबगंज सत्ता का एक नया केंद्र बनकर उभरा क्योंकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा यहीं रहते थे। यहां के लोगों को किसी काम के लिए रांची जाने की जरूरत नहीं होती थी। इससे पंकज मिश्रा के कई दोस्त बने तो कई दुश्मन भी। विरोधियों ने पंकज मिश्रा के कारनामों को दिल्ली तक पहुंचाना शुरू किया।

रूपा तर्की आत्महत्या में उछला नाम

इसी बीच मई 2021 में यहां की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की ने अपने आवास में आत्महत्या कर ली। इस मामले में पंकज मिश्रा का नाम उछला और मामले की जांच सीबीआइ को दे दी गयी। इस मामले में इसी साल पंकज मिश्रा को क्लीन चिट मिल गयी। सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रूपा तिर्की ने स्वयं आत्महत्या की।

ED की छापेमारी के बाद गिरफ्तार

आठ जुलाई को ईडी ने यहां पंकज मिश्रा, दाहू यादव, बच्चू यादव सहित करीब दर्जनभर लोगों के डेढ़ दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की। मिर्जाचौकी के पत्थर कारोबारी राजीव कुमार के यहां से भारी मात्रा में नकदी मिली। मामले की जांच में 19 जुलाई को ईडी ने पंकज मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। इसके करीब 15 दिन बाद चार अगस्त को ईडी ने बच्चू यादव को भी गिरफ्तार कर लिया। दाहू यादव और सुनील यादव को पुलिस फरार घोषित कर चुकी है।

खदानों की लीज हुई रद्द

इसी बीच नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी यहां हो रहे अंधाधुंध खनन को गंभीरता से लिया और उसे नियंत्रित करने का निर्देश दिया। जनवरी में इस मामले में रिपोर्ट एनजीटी के समक्ष पेश होगी। इसके बाद डेढ़ दर्जन पत्थर खदानों का लीज रद्द कर दिया गया है। सौ से अधिक वैध-अवैध क्रशर बंद कराए जा चुके हैं।

मालवाहक जहाज मामले में भी उछला नाम

24 मार्च की रात साहिबगंज से मनिहारी जा रहा मालवाहक जहाज गंगा नदी में डगमगा गया। छह ट्रक गंगा में समा गए थे। इस हादसे की राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हुई थी। दुर्घटनास्थल और दुर्घटना के समय को लेकर खूब बवाल हुआ। इस मामले में पंकज मिश्रा का नाम उछला। कहा गया कि अवैध रूप से खोदे गए पत्थर को जहाज के माध्यम से बिहार पहुंचाया जाता है और सरकार के राजस्व की चोरी की जाती है।

इस मामले में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी सक्रिय हुए और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने की मांग की। केंद्र सरकार को भी मामले से अवगत कराया। इसी बीच सूबे में ईडी की इंट्री हुई। राज्य की खनन सचिव पूजा सिंघल पुरवार सहित कई अन्य लोगों के यहां छापेमारी हुई और बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की गई।