साहिबगंज में इलाज के दौरान प्रसूता की मौत, स्वजनों ने अस्पताल में किया जमकर हंगामा
साहिबगंज के सूर्या हॉस्पिटल में आईवीएफ से गर्भवती महिला की प्रसव के बाद मौत हो गई। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद समझौता हुआ। महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था जिनका इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग मामले की जांच कर रहा है। अस्पताल प्रबंधन ने हार्ट अटैक को मौत का कारण बताया।

जागरण संवाददाता, साहिबगंज। नगर थाना क्षेत्र के सूर्या सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में इलाजरत नगर थाना क्षेत्र के बायसी स्थान के पास के रहने वाले लालू यादव की पत्नी 32 वर्षीय रिंकी कुमारी की मौत बुधवार की शाम हो गई।
रिंकी कुमारी की शादी करीब पांच साल पूर्व हुई थी। वह गर्भवती नहीं हो रही थी। ऐसे में सूर्या सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में लंबे समय से उसका इलाज चल रहा था। आईवीएफ तकनीक से वह गर्भवती हुई।
प्रसव पीड़ा होने पर उसे सोमवार को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां सिजेरियन से उसने जुड़वा बच्चे को जन्म दिया। इसमें एक बच्चा व एक बच्ची है। महिला के साथ-साथ दोनों बच्चों को भी वहां भर्ती कराया गया था। बुधवार दोपहर उसके पेट में अचानक दर्द हुआ और शाम होते-होते उसकी मौत हो गई।
बड़ी संख्या में जुट गए थे लोग
रिंकी कुमारी मुफस्सिल थाना क्षेत्र के महादेवगंज पश्चिम टोला निवासी शेषनाथ यादव की बेटी थी। ऐसे में उसकी मौत की सूचना मिलने पर उसके मायके व ससुराल दोनों पक्षों के लोगों की भीड़ वहां उमड़ पड़ी। लोग काफी आक्रोशित थे तथा हॉस्पिटल में तोड़फोड़ व आगजनी की तैयारी में थे।
इसे देखते हुए नगर थाने की पुलिस के साथ-साथ वहां बड़ी संख्या में अतिरिक्त पुलिस बल को भेजा गया। सदर एसडीओ अमर जान आईंद, एसडीपीओ किशोर तिर्की, सदर सीओ बासुकीनाथ टुडू, नगर थाना प्रभारी अमित गुप्ता आदि पहुंचे। अधिकारियों की मौजूदगी व अस्पताल प्रबंधन के बीच लंबी वार्ता हुई।
देर रात दोनों पक्षों में समझौता हुआ जिसके बाद स्वजन शव ले गए। दोनों नवजात बच्चों का इलाज सूर्या सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में ही चल रहा है।
बताया जाता है कि रिंकी देवी के ससुर अमेरिका यादव पब्लिक हाईस्कूल में आदेशपाल थे। अवकाश ग्रहण करने के बाद वायसी स्थान के पास उन्हें जमीन खरीदकर अपना घर बनाया है। नगर थाना प्रभारी अमित गुप्ता ने बताया कि इस मामले में मृतका के स्वजनों की ओर से किसी प्रकार का आवेदन नहीं मिला है जिस वजह से प्राथमिकी नहीं हुई है।
आठ लाख से अधिक खर्च फिर भी नहीं बची जान
रिंकी कुमारी के भैंसुर रंजन यादव ने बताया कि इलाज पर सात से आठ लाख रुपये खर्च हुए थे। बताया कि मौत के बाद भी स्वजनों को इसकी सूचना नहीं दी गई। पैसा जमा करने के बाद मौत की बात बतायी गई।
स्वजनों ने बताया कि पैसे के लिए दो लाख रुपये की भैंस एक लाख 10 हजार रुपये में बेचना पड़ा। स्वजन अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का भी आरोप लगा रहे थे। इन आरोपों के बाद स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से मामले की जांच करा रहा है। विभाग बेहोशी के डॉक्टर की भूमिका की भी जांच कर रहा है।
इंटरनेट मीडिया के माध्यम से घटना की जानकारी मिली है। स्वजनों ने शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया। पोस्टमार्टम होने के बाद मौत का कारण स्पष्ट होता। यह भी जानकारी मिली है कि महिला आइवीएफ तकनीक से गर्भवती हुई थी। ऐसे में आइवीएफ क्लिनिक चलाने के लिए अनुमति ली गई है या नहीं इसकी जांच करायी जाएगी। - डॉ. रामदेव पासवान, सीएस, साहिबगंज
घटना काफी दुखद है। चिकित्सक मरीजों को बचाने का हरसंभव प्रयास करता है लेकिन सभी मामलों में सफलता नहीं मिलती है। महिला आईवीएफ से महिला को जुड़वा बच्चा हुआ था। सब कुछ ठीक था। बुधवार को अचानक महिला को हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई। तथ्यों की जानकारी नहीं होने से स्वजन उग्र हुए लेकिन जब उन्हें सब कुछ बताया गया तो वह शांत हो गए। - डॉ. विजय कुमार, निदेशक, सूर्या सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल, साहिबगंज
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