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    Jharkhand News: साहिबगंज के मंडरो में ब्रेन मलेरिया का कहर, 10 दिन में पांच बच्चों की मौत

    Updated: Sun, 23 Mar 2025 09:47 PM (IST)

    झारखंड के साहिबगंज जिले के मंडरो प्रखंड के नगरभिट्ठा गांव में ब्रेन मलेरिया का कहर जारी है। पिछले 10 दिनों में पांच बच्चों की मौत हो चुकी है और कई अन्य बीमार हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव का दौरा किया है और ग्रामीणों का इलाज शुरू कर दिया है। ब्रेन मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो मादा एनोफीलीज मच्छर के काटने से फैलती है।

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    मंडरो में ब्रेन मलेरिया का कहर, 10 दिन में पांच बच्चों की मौत

    संवाद सहयोगी, मंडरो (साहिबगंज)। साहिबगंज जिले के मंडरो प्रखंड स्थित आदिम जनजातियों के गांव नगरभिट्ठा में ब्रेन मलेरिया फैल गया है।

    इस बीमारी की चपेट में आने से पिछले 10 दिनों में इस गांव के पांच बच्चों की मौत हुई है। गांव के दर्जनभर बच्चे व युवक अब भी बीमार हैं, जिनके रक्त की जांच रविवार को कराई गई।

    जांच रिपोर्ट में सभी में ब्रेन मलेरिया की पुष्टि हुई है। इसके बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां कैंप कर रही है।

    ग्रामीणों के अनुसार गत 12 मार्च को सबसे पहले चांदू पहाड़िया के दो वर्षीय पुत्र जीता पहाड़िया की मौत हुई थी। लोगों ने इसे सामान्य मौत माना और उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

    पुन: 19 मार्च को असना पहाड़िया के पांच वर्षीय पुत्र विकास पहाड़िया चल बसा। इसके दो दिन बाद 22 मार्च को दो व 23 मार्च को एक और बच्चे की मौत हो गई।

    मृतकों में गुल्ली पहाड़िया के चार वर्षीय पुत्र बेफरे पहाड़िया, बिजु पहाड़िया के दो वर्षीय पुत्र एतवारी पहाड़िया व सोमरा पहाड़िया की तीन वर्षीय पुत्री सजनी पहाड़िन शामिल हैं।

    इधर, इसके बाद रविवार को ग्राम प्रधान ने घटियारी गांव के झामुमो कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी दी तो कार्यकर्ताओं ने उपायुक्त हेमंत सती को मामले से अवगत कराया तो उपायुक्त ने तत्काल स्वास्थ्य टीम नगरभिट्ठा भेजकर बीमार बच्चों का रक्त संग्रह कराकर उनकी जांच कराई। ग्रामीणों के अनुसार सभी बच्चों के सिर में दर्द था। उल्टी-दस्त के बाद बेहोशी छाने लगी और अंतत: मौत हो गई।

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    ये बच्चे अब भी बीमार

    गांव की छह वर्षीय रुती पहाड़िन, तीन वर्षीय दिनेश पहाड़िया, चार वर्षीय अरुण पहाड़िया, पांच वर्षीय मीना पहाड़िया, दो वर्षीय जोनी पहाड़िन, पांच वर्षीय दानियाल पहाड़िया, आठ वर्षीय मनोज पहाड़िया, आठ वर्षीय गुलाबी पहाड़िया, 20 वर्षीय पति पहाड़िया, 27 वर्षीय चुनी पहाड़िन सहित दर्जन भर बच्चे एवं युवक अब भी बीमार हैं। स्वास्थ्य टीम ने 32 महिला- पुरुष एवं बच्चों का रक्त संग्रह कर जांच के लिए भेजा है।

    स्वास्थ्य टीम में सीएचओ रवि कुमार जाटव, नीतीन चतुर्वेदी, एमपीडब्ल्यू डोमन मंडल, दिनेश कुमार, बीपीएम अमन भारती, शांति लता हेंम्ब्रम आदि शामिल थे।

    ऐसे होता है ब्रेन मलेरिया

    • इधर, चिकित्सकों की मानें तो गंदगी और दूषित पानी के कारण ब्रेन मलेरिया का फैलाव होता है। इसके शिकार अमूमन बच्चे ही होते हैं।
    • समय पर उपचार नहीं होने से या बीमारी की पहचान नहीं होने से जान को भी खतरा रहता है। ऐसे में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सामान्य तौर पर मच्छरों के काटने से यह बीमारी फैलती है।
    • इस रोग में तेज बुखार के साथ शरीर में ऐंठन होता है। ठंठ लगती है। अमूमन दिन में बुखार उतर जाता है और रात में ठंड के साथ शुरू हो जाता है। तेज बुखार के साथ मरीज अमूमन बेहोश हो जाते हैं।

    स्वास्थ्य विभाग की टीम को संबंधित गांव भेजा गया है। ग्रामीणों के रक्त की जांच कराई गई है, जिसमें गांव के कुछ लोगों में ब्रेन मलेरिया की पुष्टि हुई है। हालांकि, बच्चों की मौत ब्रेन मलेरिया से ही हुई है, यह स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। स्वास्थ्यकर्मियों की तीन टीम गठित की गई है जो सोमवार को एक-एक ग्रामीण की जांच करेगी।-डॉ. प्रवीण संथालिया, सिविल सर्जन, साहिबगंज

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