Jharkhand: बाढ़ में भी कम नहीं हुआ देशभक्ति का जज्बा, पानी में खड़े होकर स्कूलों में फहराया गया झंडा
साहिबगंज जिले में बाढ़ के बावजूद स्वतंत्रता दिवस का उत्साह देखा गया। दियारा क्षेत्र के कई बाढ़ प्रभावित स्कूलों में शिक्षकों और ग्रामीणों ने पानी में घुसकर तिरंगा फहराया और सलामी दी। स्कूलों में पानी भरा होने के कारण बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर खड़ा किया गया और मिठाई बांटी गई।
जागरण संवाददाता,साहिबगंज। आजादी का जश्न हर भारतीय आज के दिन हर्षोल्लास से मना रहा है। जिला अभी पूरी तरह से बाढ़ के चपेट में है। दियारा क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है। स्कूलों में पानी भरने से सुरक्षा को देखते हुए विभागीय आदेश पर बंद कर दिया गया है, लेकिन आजादी का जश्न दियारा क्षेत्र के कई बाढ़ प्रभावित स्कूलों में मनाते हुए देखा गया।
सदर प्रखंड के किसन प्रसाद पंचायत के मध्य विद्यालय किसन प्रसाद स्कूल बाढ़ की चपेट में है। स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक राजीव कुमार, विद्यालय प्रबंधन समिति के पूर्व अध्यक्ष शंकर यादव, उपाध्यक्ष रविन्द्र मंडल, अनिरूद्ध पासवान, सकलदीप मंडल सहित अन्य ने पानी में घुसकर तिरंगा झंडा फहराया और सलामी दी।
किसन प्रसाद स्कूल में झंडा फहराते ग्रामीण
स्कूल के बच्चों को सूखे स्थान पर खड़ा किया गया था। बाद में सभी बच्चों को मुंह मीठा कराया गया। शिक्षक राजीव ने बताया कि भारतीय होकर आजादी का जश्न ना मने यह हो नहीं सकता है। पानी में घुसकर झंडा फहराना थोड़ा कठिन था, लेकिन हिम्मत, जुनून व खुशी के आगे सब पीछे हो गया। ग्रामीणों ने भी खुशी का माहौल था।
रामनाथ टोला स्कूल में फहराया गया तिरंगा
सदर प्रखंड के पंचायत हर प्रसाद में यूपीएस खोखला सिंह टोला रामपुर में प्रभारी शिक्षक शंभू सिंह ने नाव से स्कूल में प्रवेश किया और पहले से बना झंडा फहराने के स्थान पर बांस रखकर झंडा फहराया और सलामी दी।
स्कूल के बच्चों को भी नाव पर लेकर गए। बच्चों ने राष्ट्रीय गीत को गया। वहीं प्रखंड के उ. मा. वि. रामनाथ टोला में भी शिक्षक चंदन सिंह, उपेन्द्र सिंह ने शान से तिरंगा झंडा फहराया।
झंडे को सलामी देते टोला रामपुर में प्रभारी शिक्षक शंभू सिंह
वहीं सभी स्कूलों में बाढ़ का पानी घुस जाने से पढ़ाई बाधित हो चुकी है, लेकिन शिक्षकों, स्कूल के छात्रों व ग्रामीणों ने अपना कर्तव्य, धर्म व अपनी देश भक्ति को खूब अच्छी तरह से निभाया।
बाढ़ ने मचा रखा है कोहराम
जिला पूरी तरह से बाढ़ के चपेट में है। करीब 50 हजार से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं। राहत सामग्री व पशुओं का चारा का वितरण किया जा रहा है। समाजसेवी भी जुटे हुए हैं।
इधर गंगा का जलस्तर धीरे धीरे घट रहा है, लेकिन अभी भी गंगा खतरे के निशान 27.25 मीटर से एक मीटर 33 सेमी उपर से बह रही है। यानि शुक्रवार की सुबह 28.58 मीटर मापा गया है। बक्सर से लेकर साहिबगंज तक गंगा धीरे धीरे घट रही है, लेकिन बाढ़ का खतरा अभी भी बरकरार है।
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