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    साहिबगंज में Airport का ग्राउंड वर्क शुरू, जमीन मिली तो उड़ान तय

    By Shiv Shankar Kumar Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Wed, 26 Nov 2025 05:56 PM (IST)

    Sahibganj Airport Groundwork: साहिबगंज में एयरपोर्ट बनाने का काम शुरू हो गया है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है, और जमीन मिलने के बाद उड़ानें शुरू ...और पढ़ें

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    साहिबगंज में एयरपोर्ट के लिए जमीन की तलाश।

    जागरण संवाददाता, साहिबगंज। Airports Authority of India एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) की छह सदस्यीय टीम ने बुधवार को साहिबगंज सदर प्रखंड के हाजीपुर भिट्ठा और हाजीपुर दियारा पंचायत में प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए चयनित जमीन का निरीक्षण किया।

    दिल्ली से आए पांच और पूर्णिया से एक सदस्य की टीम ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ साइट विजिट कर एयरपोर्ट निर्माण के लिए चिह्नित 494 एकड़ भूमि का विस्तृत मुआयना किया।

    टीम में शामिल विशेषज्ञों ने सबसे पहले जमीन की भौगोलिक स्थिति और सीमांकन का अध्ययन किया। इस दौरान जिला अपर समाहर्ता गौतम भगत और सदर सीओ बासुकीनाथ टुडू से जमीन की तकनीकी व भू-आकृतिक जानकारी ली गई।

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    टीम ने भूमि की हर सीमा बिंदु को मैप के माध्यम से जांचा तथा कुछ महत्वपूर्ण स्थानों को मोबाइल में रिकॉर्ड किया। साथ ही ड्रोन कैमरे से पूरे क्षेत्र का वीडियो सर्वे भी किया गया।

    निरीक्षण के दौरान एएआई टीम ने प्रस्तावित जमीन से गंगा नदी, फोर लेन, पहाड़, बिजली टावर की दूरी तथा बाढ़ की संभावनाओं के बारे में जानकारी हासिल की। टीम ने जिला प्रशासन से कहा कि इस भूमि का KML (Keyhole Markup Language) मैप तैयार कर गूगल पर अपडेट किया जाए, ताकि प्रस्तावित एयरपोर्ट क्षेत्र की सटीक लोकेशन प्रदर्शित हो सके।

    निरीक्षण से पहले और बाद में टीम ने जिला प्रशासन के साथ बैठक कर आवश्यक दस्तावेज व जानकारी जुटाई। बताया गया कि 494 एकड़ भूमि में 50.68 एकड़ सरकारी और 443.33 एकड़ रैयती जमीन शामिल है।

    रिपोर्ट के आधार पर ही एयरपोर्ट निर्माण पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। टीम का नेतृत्व गिरिराज शर्मा कर रहे थे, जबकि संजीव कुमार पूर्णिया एयरपोर्ट पर कार्यरत हैं।

    ग्रामीणों का विरोध तेज

    एयरपोर्ट निर्माण के लिए प्रस्तावित रैयती जमीन को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध जताया है। ग्रामीणों का कहना है कि वे विकास के विरोधी नहीं, लेकिन उपजाऊ जमीन अधिग्रहण होने पर उनकी आजीविका समाप्त हो जाएगी।

    पहले फोर लेन सड़क निर्माण के दौरान घर टूटे, अब खेती योग्य भूमि भी छीनी जा रही है। मुआवजे से जीवन नहीं चल सकेगा, क्योंकि हर घर में नौकरी नहीं है। दियारा और आसपास के क्षेत्रों के ग्रामीण एकजुट होकर आंदोलन की तैयारी में हैं।

    ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि इस बार वे अपनी रोजी-रोटी बचाने के लिए जोरदार विरोध करेंगे।