Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पहले से शादीशुदा थी रूबिका, एक पांच साल की बच्‍ची की भी है मां, गांव में लोग कर रहे आरोपितों की फांसी की मांग

    रूबिका की बेटी इस वक्‍त उसकी नानी के घर गोडा पहाड़ पर रहती है। उसके पहले पति का कहना है कि रूबिका ने ही उसे छोड़ा था उसने नहीं। रूबिका से अलग होने के बाद उसने दूसरी शादी भी की।

    By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 19 Dec 2022 05:13 PM (IST)
    Hero Image
    रूबिका की बेटी अपनी नानी के साथ गोडा पहाड़ पर रहती है

    पवन गुप्ता, बोरियो (साहिबगंज)। गोडा पहाड़ की रूबिका पहाड़िन उर्फ रेबिका पहाड़िन पहले से शादीशुदा थी। उसकी एक पांच साल की बेटी भी है। उसकी शादी करीब छह साल पूर्व बंदरकोला के बगल में स्थित पथरघट्टा के गांव के राजीव मालतो से हुई थी। राजीव आटो चलाता है। उसने रूबिका को छोड़ दिया था। रूबिका की पांच साल की बेटी रिया अपनी नानी के घर गोडा पहाड़ पर रहती है। अभी वह बीमार है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गांव में रो-रोकर लोगों का बुरा हुआ हाल

    रूबिका की हत्या की सूचना से गांव में मातम है। मृतका की दादी मैसी पहाड़िन की आंखों में रोशनी नहीं है। पोती की हत्या की खबर से वह जोर-जोर से रो रही थी। वह कह रही थी कि रूबिका की पांच साल की बेटी रिया की देखरेख अब कौन करेगा। मृतका की मां चांदिन पहाड़िन का भी रो-रोकर बुरा हाल है। इस बीच, शिक्षक गंगा सोरेन ने बताया कि उन्होंने बचपन में रूबिका को पढ़ाया था। वह काफी शांत लड़की थी।

    रूबिका हत्‍याकांड: हत्‍यारों ने खोपड़ी तक के किए 3-4 टुकड़े, दिलदार की मां ने हत्‍यारे को दिए थे 20 हजार

    रूबिका के गांव में चरम पर बेरोजगारी

    प्रखंड मुख्यालय से यह गांव करीब 19 किलोमीटर दूर है। पहाड़ पर स्थित गांव तक जाने तक रास्ता नहीं है। इस गांव तक पहुंचने के लिए बरमसिया मैदान से करीब एक किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। इस वजह से गांव का विकास नहीं हो पाया। गांव में बेरोजगारी साफ झलक रही थी। गांव की प्रधान मैसी पहाड़िन ने बताया कि गांव की कुल जनसंख्या 250 के आसपास है। कुल 30 घर है। अधिकतर लोग कमाने महानगरों में गए हैं।

    गांव में अधिक लोग ईसाई धर्म के अनुयायी

    गांव की एक अन्य महिला ने बताया कि बीते पांच साल पहले उसका पति कुडो सूरजा दिल्ली कमाने गया जो आज तक नहीं लौटा। दलाल उसे काम के बहाने दिल्ली ले गया। गांव के कई और लोग भी दिल्‍ली कमाने के खातिर गए हैं। गांव के लोगों का मुख्य पेशा मजदूरी एवं जंगल से लकड़ी काट कर बेचना है। गांव के अधिकतर लोग ईसाई धर्म मानते हैं। गांव में स्कूल व एक चर्च भी है।

    गांववालों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

    मृतका की बहन शीला पहाड़िन ने बताया कि उन्‍हें डाकिया योजना के तहत 35 किलो अनाज मिल रहा है। हालांकि, गांव के लोगों को बिरसा मुंडा आवास का लाभ नहीं मिल रहा है। मृतका की दादी मैसी पहाड़िन को दिव्यांग पेंशन या वृद्धा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। रूबिका की बहन शीला पहाड़िन ने उसकी बहन के हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की है। मृतक के भाई आरसेन मालतो ने मैट्रिक तक की पढ़ाई की है। उसका कहना है कि हमारे परिवार के एक व्यक्ति को सरकार नौकरी दें। इस दौरान गोडा पहाड़ गांव में रूबिका के स्‍वजनों से पूर्व मंत्री डा. लुईस मरांडी ने मुलाकात की। 

    रूबिका के पहले पति ने दी सफाई

    पथरघट्टा पहाड़ के राजीव पहाड़िया ने बताया कि 2019 में उसका अलगाव रूबिका उर्फ रेबिता से हो गया था।उसने बताया कि रूबिका ने ही उसे छोड़ दिया था। इसके बाद 2020 में उसने बांझी के टंडोला पहाड़ की सरिता पहाड़िन से शादी की। राजीव ने बताया कि इसके बाद रूबिका से उसका किसी प्रकार का संबंध नहीं था। राजीव के पिता बुद्धिनाथ पहाड़िया ने बताया कि उस परिवार से उनका किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं है।

    सीएम सोरेन का हत्‍याकांड पर बयान

    रूबिका हत्‍याकांड पर प्रदेश के मुखिया हेमंत सोरेन ने कहा है, सिर्फ साहिबगंज की बात क्यों करें? क्या दिल्ली,एमपी और यूपी में ऐसी घटनाएं नहीं घटती हैं? समाज में इस तरह की विकृतियां फैल रही हैं, यह चिंता की बात है। ऐसी बातों का लोकतंत्र में जगह नहीं है। इस तरह की घटना को अंजाम देकर बड़ा बनाने का प्रयास हो रहा है, जो गलत है। इसका समाधान कैसे हो, इसका हल सभी को मिलकर निकालना होगा।

    झारखंड विधानसभा में रूबिका हत्‍याकांड पर हंगामा, भाजपा विधायक टेबल पर खड़े हुए तो मार्शलों ने निकाला बाहर