फरक्का एक्सप्रेस से हजार कछुए बरामद, यूपी के तीन तस्कर RPF के हत्थे चढ़े
Turtle Smuggling Case: बरहड़वा रेलवे स्टेशन पर फरक्का एक्सप्रेस से एक हजार कछुए बरामद किए गए। आरपीएफ ने वन्यजीव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इन क ...और पढ़ें

बरहड़वा स्टेशन पर फरक्का एक्सप्रेस से बरामद हजारों कछुओं के साथ आरपीएफ की टीम।
जागरण संवाददाता, कोटालपोखर (साहिबगंज)। Turtle Smuggling Busted on Farakka Expressः रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने शुक्रवार शाम बरहड़वा रेलवे स्टेशन पर डाउन फरक्का एक्सप्रेस (15744) से करीब एक हजार कछुओं की बरामदगी की। इस दौरान दो महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया गया है। सभी कछुए 22 पिट्ठू बैगों में भरे हुए थे।
बताया गया कि कछुओं को वाराणसी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में लादा गया था और फरक्का में उतारने की योजना थी। यह ट्रेन सामान्यतः सुबह करीब 8.15 बजे बरहड़वा पहुंचती है, लेकिन शुक्रवार को करीब चार बजे स्टेशन पहुंची।
ट्रेन के साहिबगंज से खुलने के बाद स्कॉर्ट टीम के एएसआई बाबुल दास एवं अन्य जवानों ने जांच अभियान शुरू किया। इस दौरान एस-1 कोच में कुछ यात्रियों पर संदेह हुआ। जब सीट के नीचे रखे बैग और थैलों की तलाशी ली गई, तो उनमें भारी संख्या में कछुए पाए गए। इसके बाद बरहड़वा आरपीएफ इंस्पेक्टर संजीव कुमार को सूचना दी गई।
जैसे ही ट्रेन बरहड़वा स्टेशन पहुंची, आरपीएफ जवानों ने उक्त कोच की गहन जांच की। जांच के दौरान 22 बैगों में रखे कछुओं को बरामद कर रेलवे स्टेशन पर उतारा गया और तीनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया। कछुओं की संख्या इतनी अधिक थी कि ठंड के बावजूद गिनती करते समय आरपीएफ जवानों को पसीना आ गया।
आरपीएफ इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि वाराणसी रेलवे स्टेशन पर किसी बड़े तस्कर ने दो महिलाओं और एक पुरुष को कछुए देकर फरक्का पहुंचाने के लिए भेजा था।
पकड़े गए तीनों तस्कर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के निवासी हैं। इनमें 25 वर्षीय करण पथकर, 30 वर्षीय मंजू पथकर और ऊषमा पथकर शामिल हैं। इतनी बड़ी संख्या में कछुए कहां से और किसके संरक्षण में लाए जा रहे थे, तथा उनकी आपूर्ति किन-किन स्थानों पर की जाती है, यह जांच का विषय है।
फरक्का एक्सप्रेस भटिंडा जंक्शन (Bathinda Junction, पंजाब) से बालुरघाट (Balurghat, पश्चिम बंगाल) तक चलती है। इस ट्रेन से कछुए की बरामदगी की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दे दी गई है। उनके पहुंचते ही कछुओं और तस्करों को उनके हवाले कर दिया जाएगा।

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