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    Rajmahal Vidhan Sabha Result 2024: मोहम्‍मद ताजुद्दीन ने अनंत ओझा को कितने वोटों से हराया? पढ़े राजमहल सीट का हाल

    Updated: Sun, 24 Nov 2024 03:18 PM (IST)

    Rajmahal Assembly Seat Result 2024 झारखंड की राजमहल सीट पर बीजेपी को जोरदार झटका लगा है। यहां से बीजेपी के अनंत कुमार ओझा हार गए हैं। उन्हें जेएमएम के मोहम्मद ताजुद्दीन ने शिकस्त दे दी। लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र होने के साथ ही साहिबगंज जिले का मुख्‍यालय भी इसी क्षेत्र में होने से यह इलाका राज्‍य की सियासत का प्रमुख केंद्र माना जाता है।

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    राजमहल सीट पर बीजेपी और झामुमो की जंग (जागरण)

    डिजिटल डेस्क, राजमहल। Rajmahal Seat Winner 2024:  झारखंड की राजमहल सीट पर बीजेपी को जोरदार झटका लगा है। यहां से बीजेपी के अनंत कुमार ओझा हार गए हैं। उन्हें जेएमएम के मोहम्मद ताजुद्दीन ने 43432 वोटों से शिकस्त दे दी।

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    लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र होने के साथ ही साहिबगंज जिले का मुख्‍यालय भी इसी क्षेत्र में होने से यह इलाका राज्‍य की सियासत का प्रमुख केंद्र माना जाता है।

    2000 में बिहार से अलग होकर बने झारखंड में पहली बार 2005 में विधानसभा चुनाव कराए गए। तब यहां से कांग्रेस के नेता थॉमस हंसदा विजेता बने। इस चुनाव में उनको बराबर की टक्‍कर देने वाले निर्दलीय प्रत्‍याशी अरुण मंडल को थॉमस हंसदा ने हराया और विधायक बने।

    2009 के दूसरे विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा के अरुण मंडल ने जीत हासिल की और विधायक बने। 2014 के चुनाव में भाजपा के अनंत कुमार ओझा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा मोहम्‍मद ताजुद्दीन को हराया और विधायक बने। 2019 में इस सीट पर 2014 की कहानी दोहराई गई। इस बार भी भाजपा के अनंत कुमार ने मोहम्‍मद ताजुद्दीन को शिकस्त दी।

    हालांकि, इस बार ताजुद्दीन ने आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इसके बाद अब 2024 में हुए चुनावों में मोहम्मद ताजुद्दीन ने अनंत ओझा को 43 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। इस विधानसभा चुनाव में ताजुद्दीन झारखंड मुक्ति मोर्चा से चुनाव लड़े हैं।

    पहाड़ों और सघन वनों से घिरे इस इलाके में प्रकृति ने खूब सौंदर्य बिखेरा है। यहां की राजमहल हिल पर्यटकों की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। इस इलाके में संथाल समुदाय और सौरिया पहाड़िया समुदाय के लोग बड़ी संख्‍या में रहते हैं।

    गंगा नदी के दाहिने किनारे पर स्थित यह इलाका ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण शहर है। 1592 में इस क्षेत्र पर राजा मान सिंह की हुकूमत चलती थी। मुगलकाल के दौरान राजमहल को बंगाल की राजधानी भी बनाया गया था। उस दौरान के सिंह दलान, अकबरी मस्जिद, मैना-बीबी की कब्र और मिरान की कब्र जैसे कई प्राचीन प्राचीन स्‍मारक आज भी इस इलाके में पर्यटकों के बीच खासे लोकप्रिय हैं।

    साहिबगंज : राजमहल में 11 प्रत्याशियों का नोटा से भी कम वोट मिले

    • बता दें कि राजमहल विधानसभा के चुनावी मैदान में इस बार 14 प्रत्याशी थे। इनमें से झामुमो प्रत्याशी मो. ताजुद्दीन उर्फ एमटी राजा ने जीत दर्ज की तो भाजपा प्रत्याशी अनंत ओझा को हार का सामना करना पड़ा।
    • निर्दलीय प्रत्याशी सुनील यादव को 13802 मत मिले। बाकी 11 प्रत्याशियों का नोटा से भी कम वोट मिले। राजमहल विधानसभा में 3040 मत नोटा को मिले हैं।
    • 11 प्रत्याशियों को नोटा से भी कम मत मिले हैं। इनमें नंदलाल साह को1091, मोतीलाल सरकार को 1876, रामेश्वर मंडल को 342, मो. साहादत हुसैन को 309 वोट मिले हैं।
    • इनके अलावा अधीर कुमार मंडल को 698, मो. असलम को 172, गोपाल चंद्र मंडल को 219, नईम शेख को 339, मुरलीधर तिवारी को 553, रणधीर प्रसाद को 551 तथा सद्दाम हुसैन को 906 मत मिले हैं।