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    चार दिन में 40 लाख की लकड़ी जब्त

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 06 Jul 2021 05:16 PM (IST)

    जाटी साहिबगंज/पतना पुलिस की सक्रियता से विभिन्न थाना क्षेत्रों में काटकर डंप की गई लकड़ि ...और पढ़ें

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    चार दिन में 40 लाख की लकड़ी जब्त

    जाटी, साहिबगंज/पतना : पुलिस की सक्रियता से विभिन्न थाना क्षेत्रों में काटकर डंप की गई लकड़ियों को लगातार जब्त किया जा रहा है। सोमवार की रात करीब 12 बजे बरहड़वा एसडीपीओ प्रमोद कुमार मिश्रा ने गुप्त सूचना के आधार पर बरहेट के कित्ताझोर से 93 बोटा सेमल की लकड़ी जब्त की। देर शाम पुलिस को सूचना मिली कि उनलोगों की सक्रियता की वजह से माफिया लकड़ी उठाने की कोशिश में हैं। इसके बाद रात में ही बरहड़वा इंस्पेक्टर कुलदीप कुमार, बरहेट थाना प्रभारी गौरव कुमार, रांगा थाना प्रभारी अमन कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। वहां से सेमल की 93 बोटा लकड़ी जब्त की गई। उसे पांच ट्रैक्टर पर लादकर बरहेट थाना लाया गया। एसडीपीओ ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है। लकड़ी तस्करी में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा। इससे पूर्व चार जुलाई को वन कर्मियों ने शिवापहाड़ पुल के पास से 10 बोटा व तेतुलभिट्ठा पहाड़ से 33 बोटा लकड़ी जब्त की गई थी। एसडीपीओ के नेतृत्व में तीन जुलाई को गुमानी नदी के किनारे स्थित आमगाछी गांव से 30 बोटा व दो जुलाई को तेतुलभिट्ठा डैम के सामने से 70 बोटा लकड़ी जब्त की गई थी। दो जुलाई से पांच जुलाई तक कुल 236 बोटा सेमल की लकड़ी जब्त की गई है। मार्केट में सेमल का एक बोटा की कीमत 15 से 17 हजार रुपये हैं। इस हिसाब से जब्त लकड़ी की कीमत 35 से 40 लाख रुपये होगी।

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    पश्चिम बंगाल की प्लाई फैक्ट्रियों में भेजी जाती लकड़ी

    जानकारों की मानें तो बरहड़वा, पतना व बरहेट के जंगलों से काटी गई सेमल की लकड़ियां पश्चिम बंगाल की प्लाई फैक्ट्रियों में भेजी जाती है जहां उनकी अच्छी कीमत मिल जाती है। हर साल इस मौसम में माफिया लकड़ी कटवाते थे और कुछ दिन जंगलों में छोड़ देते थे। इसके बाद वाहनों पर लादकर रात के अंधेरे में पश्चिम बंगाल की प्लाई फैक्ट्रियों में भेज देते थे। इस बार भी मई माह में लकड़ियां काटी गई। उसके बाद यास चक्रवात की वजह से बारिश हो गई जिससे जंगलों से माफिया लकड़ी नहीं निकाल पाए। इसके अलावा सड़क मार्ग से ज्यादा जांच-पड़ताल होने लगी। ऐसे में माफिया गुमानी नदी में पानी आने का इंतजार करते हैं और लकड़ियों को पानी के सहारे बहाकर ले जाते हैं। इसकी भनक एसडीपीओ को लगी जिसके बाद लगातार कार्रवाई हो रही है।

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    बरहड़वा का वनरक्षी निलंबित

    वन माफियों के खिलाफ कार्रवाई में लापरवाही बरतने पर वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी ने बरहड़वा के वनरक्षी अमित कुमार को निलंबित कर दिया है। डीएफओ ने बताया कि वनरक्षी को लगातार कार्रवाई का निर्देश दिया जा रहा था लेकिन उसने लापरवाही बरती। इस वजह से उसे निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि लापरवाही बरतने वाले अन्य वनकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। दैनिक जागरण के छह जुलाई के अंक में यह बात छपी थी कि वनकर्मी वनों की सुरक्षा में लापरवाही बरत रहे हैं। पुलिस कर्मी ज्यादा मात्रा में लकड़ी जब्त कर रहे हैं तो वन विभाग के कर्मी 10-20 बोटा लकड़ी जब्त कर ही अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं।