Sahibganj News: राशन कार्ड से काटे गए 30 हजार से अधिक नाम, अब नए लोगों को जुड़ने का मौका
साहिबगंज जिले में पिछले आठ महीनों में राशन कार्ड अपडेट किए गए हैं। लगभग 30 हजार अयोग्य लोगों के नाम काटे गए हैं और 15 हजार नए नाम जोड़े गए हैं। सरकार 16966 नए नाम तत्काल जोड़ने की तैयारी में है जिससे गरीबों को लाभ मिलेगा। वर्तमान में 51826 लोग नाम जुड़ने का इंतजार कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, साहिबगंज। पिछले आठ माह में जिले में राशन कार्ड से करीब 30 हजार लोगों के नाम काटे गए हैं, जबकि 15 हजार लोगों के नाम जोड़े गए हैं। वहीं, 16966 नए नाम तत्काल जुड़ेंगे। आयकरदाताओं, वाहन मालिकों व अन्य अयोग्य लाभुकों का नाम कटने के बाद रिक्ति और बढ़ेगी। जिसके बाद वर्षों से राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए प्रतीक्षा कर रहे गरीबों का नाम जुड़ पाएगा।
अब भी 51826 लोग नाम जुड़ने के इंतजार में हैं। इनमें लाल व हरा दोनों राशन कार्ड के आवेदक शामिल हैं। लाल राशन कार्ड के लिए आवेदन करने वालों को इस साल कार्ड मिल जाने की उम्मीद है जबकि हरा राशन कार्ड के लिए आवेदन करने वालों को अभी इंतजार करना होगा।
केंद्र सरकार ने निर्धारित कर रखा है कोटा
केंद्र सरकार ने 2011 की जनगणना के आधार पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सभी जिलों में लाभुकों का कोटा तय कर रखा है। इसके तहत जिले में नौ लाख 51 हजार 274 यूनिट निर्धारित है। यह कोटा 2020-21 में ही भर गया था। इसके बाद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के राशन कार्ड के लिए आवेदन बंद हो गया।
हालांकि, पुराने राशन कार्ड में नाम जोड़ने के लिए आवेदन जारी रहा, फिलहाल वह भी बंद है। इस बीच लोगों की परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने ग्रीन राशन कार्ड योजना शुरू की। पूरे राज्य में 20 लाख लोगों को अपने स्तर से राशन देने का लक्ष्य सरकार ने निर्धारित किया था। इस साल की शुरुआत में पांच लाख और स्वीकृति दी गई।
इसमें जिले को करीब 25 हजार का कोटा मिला था, जो फरवरी-मार्च में ही भर गया। वर्तमान में एक लाख 19 हजार 542 लोगों को राज्य सरकार अपने स्तर से राशन दे रही है। फिलहाल ग्रीन राशन कार्ड के लिए आवेदन तो हो रहा है लेकिन इस साल नया कार्ड बनने की उम्मीद नहीं है।
दिसंबर से राशन कार्ड की सघन जांच पड़ताल की जा रही है। इस क्रम में अब तक 30 हजार से अधिक नाम काटे जा चुके हैं। पहले से आवेदन करने वाले करीब 15 हजार नए लोगों का नाम जुड़ा भी है। नाम कटने से करीब 16 हजार रिक्ति बनी है। ऐसे में नाम जोड़ने के लिए पूर्व में आवेदन करने वालों का नाम जोड़ा जा रहा है। अयोग्य लोग हटेंगे तो जरूरतमंदों का नाम जुड़ पाएगा।
जेके मिश्रा, डीएसओ, साहिबगंज
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