कबाड़ में बिक रहे झारखंड के सरकारी स्कूलों के किताब, शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
साहिबगंज के बड़ा सोनाकड़ गांव में एक कबाड़ी वाले के पास से सरकारी पुस्तकें जब्त की गई। ग्रामीणों को देखकर कबाड़ीवाला बाइक छोड़कर भाग गया। जब्त पुस्तकें कक्षा एक से पांच तक की हैं। आशंका है कि किसी स्कूल के प्रधानाध्यापक ने ये पुस्तकें कबाड़ी वाले को बेची हैं। पूर्व में भी कोटालपोखर में ऐसी घटना सामने आई थी जहाँ छात्रों ने प्रधानाध्यापक को किताबें बेचते पकड़ा था।

संवाद सहयोगी, बरहड़वा (साहिबगंज)। कोटालपोखर थाना क्षेत्र के बड़ा सोनाकड़ गांव में एक कबाड़ी वाले के पास से मंगलवार को बड़ी संख्या में सरकारी पुस्तक जब्त की गई। ग्रामीणों को एकजुट होते देखकर कबाड़ीवाला अपनी बाइक छोड़कर भाग गया।
बड़ा सोनाकड़ गांव के मस्जिद के पास मंगलवार की रात एक कबाड़ी वाले की मोटरसाइकिल (जेएच 18 एल 0131) पंचर हो गई। कबाड़ी वाला पंचर बनवाने के लिए मिस्त्री की तलाश कर रहा था। इसी क्रम में ग्रामीणों की नजर उसपर पड़ी।
ग्रामीणों ने पूछताछ शुरू की तो वह मोटरसाइकिल छोड़कर भाग निकला। इसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। कोटालपोखर थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बाइक व उसपर लदे सामान को जब्त कर लिया। जब्त पुस्तक कक्षा एक से पांच तक की हिंदी, गणित और पर्यावरण अध्ययन की है।
आशंका जताई जा रही है कि किसी स्कूल के प्रधानाध्यापक ने उन पुस्तकों को कबाड़ी वाले के हाथ बेच दिया। गौरतलब हो कि झारखंड शिक्षा परियोजना विभाग की ओर से सभी सरकारी विद्यालयों में बच्चों को पढ़ने के लिए निशुल्क किताबें मुहैया करायी जाती है।
कई बार यह भी बात सामने आ चुकी है कि स्कूलों में फर्जी नामांकन किया जाता है। ऐसे में बच्चों के नाम पर आने वाली पुस्तकें कबाड़ी वाले के हाथ बेच दी गई होंगी।
2022 में भी सामने आयी थी घटना
प्लस टू उच्च विद्यालय कोटालपोखर के प्रभारी प्रधानाध्यापक को सरकार द्वारा मुहैया कराई गई किताब को कबाड़ी वाला के पास बेचते विद्यालय के छात्रों ने रंगे हाथ पकड़ा था। छात्र संगठन विद्यार्थी परिषद ने मामले को लेकर आंदोलन किया था।
इसके बाद तत्कालीन डीओ दुर्गानंद झा ने चार नवम्बर 2022 को मामले की जांच कर दोषी प्रभारी प्रधानाध्यापक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की थी। इसके बाद भी क्षेत्र में इस तरह की घटना नहीं रुकी।
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