खोजकर निकाले जाएंगे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किए ये सख्त आदेश
केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार साहिबगंज समेत संथाल परगना में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की जाएगी। घुसपैठियों को देश से निकालने से पहले उनकी बायोमीट्रिक ली जाएगी। मंत्रालय ने राज्यों को एसओपी भेजकर इसका पालन करने को कहा है। साथ ही 10 साल पुराने आधार कार्ड को अपडेट करने की समय सीमा 14 जून 2025 तक बढ़ा दी गई है।
जागरण संवाददाता, साहिबगंज/गोड्डा। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद साहिबगंज सहित संताल परगना के अन्य जिलों में कथित तौर पर रहने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की उम्मीद बढ़ गई है। मंत्रालय ने देश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं (म्यांमार के नागरिक) को खोजकर निकालने का निर्देश दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को भेजा एसओपी
इसके लिए एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर) बनाकर राज्यों को भेजा है और उसका पालन कराने को कहा गया है। इसके अनुसार घुसपैठियों को बाहर निकाले जाने से पहले इनकी बायोमीट्रिक ली जाएगी।
इससे बाद में किसी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सके। गृह मंत्रालय के निर्देश में स्पष्ट लिखा है कि देश में अवैध रूप से रहने वालों का सख्ती से निर्वासन किया जाएगा।
अगर बांग्लादेशी या रोहिंग्या देश की सीमा में प्रवेश करते दिखें तो उन्हें तत्काल वापस भेजें। इससे पहले उनकी बायोमीट्रिक (फिंगर प्रिंट, फेशियल फोटो आदि) ले लें। उनके डेमोग्राफिक डाटा को एफआइपी (फारनर्स आइडेंटिफाइ पोर्टल) पर अपलोड कर दें।
अगर वहां इंटरनेट सेवा काम नहीं कर रही हो तो ऑफलाइन भी यह डाटा अपलोड किया जा सकता है। इससे भविष्य में ऐसे व्यक्ति भारत में प्रवेश करते ही पकड़ में आ जाएंगे। साथ ही किसी तरह के दस्तावेज तैयार नहीं करा सकेंगे। पुलिस को ऐसे बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की प्रतिमाह रिपोर्ट देने को भी कहा गया है।
इसके अलावा सीमा के पास अवैध रूप से देश में प्रवेश करने वालों को गिरफ्तार करने को कहा गया है। उसकी गहराई से जांच की जाएगी। निर्दोष होने की स्थिति में संबंधित देश की सीमा पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
30 दिनों में संदिग्धों की जांच होगी पूरी
गृह मंत्रालय के निर्देश के अनुसार डीसी के स्तर से ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कराई जाएगी। व्यक्ति के नाम, वंशावली, निवास का पता, नजदीकी रिश्तेदारों की विस्तृत जानकारी के आधार पर ऐसे संदिग्धों की पहचान की जाएगी। 30 दिनों में ऐसे लोगों की विस्तृत जांच की जाएगी।
जांच पूरी होने या निर्वासन तक इन्हें किसी होल्डिंग सेंटर में रखा जाएगा। किस जिले से कितने बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं को देश से बाहर निकाला गया, इसकी रिपोर्ट प्रत्येक 15 दिनों में गृह मंत्रालय को भेजा जाना है। गौरतलब हो कि साहिबगंज में समय-समय पर बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठता रहा है।
राजमहल के तत्कालीन विधायक अनंत ओझा ने यहां की मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठियों का नाम शामिल करने की शिकायत की थी।
इसके बाद जिला प्रशासन ने मतदाता सूची की जांच कराई थी, लेकिन एक भी बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं मिला। उधर, मुंबई, राजस्थान सहित कुछ राज्यों में बांग्लादेशी घुसपैठिया की आशंका पर यहां के कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया था लेकिन जांच-पड़ताल के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
10 साल पुराने आधार को अपडेट करना अनिवार्य
उधर, केंद्र सरकार ने 10 साल से अधिक पुराने आधार कार्ड को अपडेट कराने की समय सीमा बढ़ाकर 14 जून 2025 कर दी है। अगर आप 10 साल से अधिक समय से अपने आधार कार्ड को अपडेट नहीं कराया है, तो आपको यह सुनिश्चित करने के लिए अपने दस्तावेजों को अपडेट कराना होगा कि आपकी जानकारी सही और नवीनतम है।
आधार कार्ड अपडेट करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों में पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि शामिल है।
आधार अपडेशन में बिजली बिल, बैंक पासबुक, गैस कनेक्शन, राशन कार्ड आदि दस्तावेज पते का प्रमाण के रूप में मान्यता दी गई है। जन्म प्रमाण पत्र या दसवीं के मार्कशीट से जन्म का प्रमाण मान्य होगा। निर्धारित समय सीमा के बाद आधार कार्ड अपडेट करने के लिए शुल्क देय होगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के बारे में एसओपी जारी किया है। कार्रवाई के संबंध में अब तक किसी प्रकार का पत्र नहीं मिला है।
अमित कुमार सिंह, एसपी, साहिबगंज
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