बांग्लादेश से जुड़ रहा जाली नोटों की तस्करी का तार, सिर्फ झारखंड ही नहीं उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब तक सक्रिय है गिरोह
पश्चिम बंगाल से जाली नोटों की तस्करी का नेटवर्क उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब तक फैला हुआ है। सुरक्षा एजेंसियां इस गिरोह को पकड़ने के लिए सक्रिय हैं और विभिन्न राज्यों में छापेमारी कर रही हैं। गिरोह के सदस्य जाली नोटों के वितरण में शामिल हैं, जिससे देश में अवैध मुद्रा का प्रसार हो रहा है।

जाली नोट तस्करों का तार मुख्य रूप से बांग्लादेश से जुड़ा है।
नव कुमार मिश्रा, उधवा (साहिबगंज)। राष्ट्रीय स्तर पर जाली नोट को प्रचलन में लाने में लंबे समय से राधानगर थाना क्षेत्र में सक्रिय गिरोह काफी कुख्यात रहा है। केरल, तामिलनाडु, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात,पंजाब तथा दिल्ली पुलिस जाली नोटों की तस्करी मामले में यहां खाक छान चुकी है।
स्थानीय सूत्रों की मानें तो जाली नोट तस्करों का तार मुख्य रूप से बांग्लादेश से जुड़ा है। लेकिन मालदा जिले के कलियाचक, बैष्णवनगर एवं गोलाबगंज थाना के बॉर्डर इलाकों से तस्कर राधानगर थाना क्षेत्र में अपने एजेंटों के माध्यम से कारोबार चलाते हैं।
मुंबई, कोलकाता,दिल्ली,पंजाब तथा चेन्नई में जाली नोट के साथ कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। बड़हरवा जीआरपी ने पंजाब के दो तस्करों को जाली नोट के साथ पकड़ा है।
बड़हरवा जीआरपी ने वैष्णवनगर थाना क्षेत्र से जाली नोटों के कारोबार का सरगना रंजन मंडल को पकड़ा है। जाली नोटों की तस्करी के अधिकांश मामलों में इसी क्षेत्र के लोगों की संलिप्तता रही है।
राधानगर पुलिस ने मंगलवार को जाली नोट तस्करी मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है जिसमें उधवा के एक किशोर तथा एक मास्टरमाइंड की संलिप्तता सामने आई है। कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली थाना क्षेत्र की पुलिस ने एक होटल से इसी वर्ष जुलाई महीने में नौ करोड़ रुपये मूल्य के जाली नोट बरामद किए हैं।
अधिकांश जाली नोट 500-500 रुपये के हैं। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके नाम सिराजुद्दीन मोल्ला और देबब्रत चक्रवर्ती हैं। सिराजुद्दीन के पास से दो आधार कार्ड भी मिले हैं।
जाली नोट का पता एक स्थानीय दुकान से सामान खरीदने के दौरान चला। दुकानदार को नोट देखकर शक हुआ तो उसने पुलिस को सूचना दी। फिलहाल जाली नोटों की बरामदगी गृह मंत्रालय एवं खुफिया तंत्र के लिए चिंता का कारण बन गया है।
चालीस हजार के असली नोट देकर मिलता है एक लाख का जाली नोट
स्थानीय लोगों की मानें तो राधानगर थाना क्षेत्र ही नहीं साहिबगंज जिले के विभिन्न हिस्सों में पांच सौ तथा दो सौ के जाली नोट प्रचलन में हैं। लेकिन अधिकांश मामलों में पांच सौ के जाली नोट प्रचलन में देखा गया है।
जिसे दुर्भाग्य से मिलता है तो उसे सार्वजनिक नहीं करना चाहता। इसलिए तस्कर बेखौफ होकर जाली नोट का कारोबार कर रहे हैं।पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कालियाचक, वैष्णवनगर तथा गोलाबगंज थाना क्षेत्र में 40 हजार के असली भारतीय नोटों के बदले विदेशों में छपी एक लाख रुपये का जाली नोट मिलता है।
यहां सक्रिय गिरोह ने दस से पंद्रह लोगों की टीम बना रखी है जिसके माध्यम से पांच से दस हजार रुपये जाली नोट देकर उसे वैसी जगहों पर भेजा जाता है जहां उसे आसानी से खपाया जा सके।
भीड़भाड़ वाली जगहों,जुआ अड्डे तथा शराब ठिकानों पर जाली नोट को आसानी से खपाया जाता है। ताजा घटनाक्रम में राधानगर थाना क्षेत्र के मिर्जानगर में जुआ खेलने वालों को फोन पे से पैसे लेकर नगद राशि के रूप में जाली नोट दिया गया था।
इस कांड के मुख्य सरगना फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर है। लेकिन उसकी गिरफ्तारी के बाद इस क्षेत्र में सक्रिय जाली नोट तस्कर गिरोह के संबंध में बड़ा खुलासा हो सकता है।
केस स्टडी-1
राधानगर पुलिस ने फेक करेंसी मामले में कटहलबाड़ी से गिरफ्तार दो आरोपितों को 24 अगस्त 2025 को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। दोनों को कटहलबाड़ी बाजार में स्थानीय लोगों ने मुख्तार शेख तथा आलिफ शेख को पांच सौ के तीन जाली नोट के साथ पकड़ कर पुलिस के हवाले किया था।
इस संबंध में सहायक अवर निरीक्षक रविशंकर झा के फर्दबयान पर जाली नोट मामले में मुख्तार शेख,आलिफ शेख तथा आलमगीर शेख के विरुद्ध राधानगर थाना में बीएनएस की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
फिलहाल मुख्तार एवं आलिफ को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इससे पहले 26 अगस्त 2024 को उत्तर बेगमगंज से रिंटू शेख को जाली नोट के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
केस स्टडी 02
6 सितंबर 24 को नगर थाना क्षेत्र के नगर पालिका के पास सब्जी बेच रही एक महिला को 500 का जाली नोट देते हुए उमा अमृता फाउंडेशन के संस्थापक प्रशांत शेखर ने युवक को दबोच लिया और नगर थाना पुलिस को सौंप दिया।
युवक उधवा के प्यारपुर का रहने वाला मो. जमील शेख 30 वर्ष था। जालीम अपने साथी शाहिद के साथ साहिबगंज आया था और वह उसके साथ 500 का जाली नोट सब्जी विक्रेता के बीच चला रहा था।
चार से पांच जाली नोट को वह चला चुका था। जामील की गिरफ्तारी के बाद जामील के पास से लगभग 2700 रुपये नगद बरामद किए गए थे। इस मामले में उधवा निवासी अमीर शेख नामक युवक का भी नाम सामने आया था।जामील ने जिन-जिन जगहों पर जाली नोट चलाया था वहां पर पुलिस उसे लेकर गई और मामले की छानबीन की।
केस स्टडी -3
जीआरपी थाना के एसआइ बुद्धेश्वर उरांव ने बताया कि बरहड़वा मुख्य द्वार के पास से दो व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से कुल चार लाख 12 हजार रुपये का जाली नोट उनके पीठू बैग से बरामद किया गया है।
जाली नोट के साथ गिरफ्तार तीर्थ सिंह पिता स्वर्गीय राम सिंह टिबा रोड गली नं 07 ,थाना- टिबा, जिला लुधियाना पंजाब का रहने वाला है। दूसरा इंद्रप्रीत सिंह पिता स्वर्गीय मनमोहन सिंह, ताजपुर रोड विश्वकर्मा नगर ,थाना- वर्दमान,जिला लुधियाना, पंजाब का रहने वाला है।
तीर्थ सिंह के पीठू बैग से कुल दो लाख 14 हजार और इंद्रप्रीत सिंह के पिठू बैग से एक लाख 98 हजार रुपये जाली नोट मिले हैं। अगस्त माह में ही बड़हरवा जीआरपी ने पश्चिम बंगाल के वैष्णव नगर थाना क्षेत्र के हटातपारा बौछा पारा (बांग्लादेश सीमा से सटा हुआ) से एक कुख्यात जाली नोट तस्कर को गिरफ्तार किया है।
पकड़े गए तस्कर की पहचान रंजन मंडल के रूप में हुई है। उसके पास से पांच सौ रुपये के नकली नोट बरामद किए गए जिनकी कुल राशि पांच हजार रुपये है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।