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    Bangladeshi Infiltration से असम, बंगाल, बिहार और झारखंड के 24 जिलों की बदल गई डेमोग्राफी... हिंदू धर्म रक्षा मंच ने बोला हल्ला

    By Ratan Kumar Ray Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Thu, 18 Dec 2025 05:00 PM (IST)

    पांच करोड़ बांग्लादेशियों ने भारत में घुसपैठ की है, जिससे असम, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के 24 जिले मुस्लिम बहुल हो गए हैं। अवैध आव्रजन के कारण इन ...और पढ़ें

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    असम में बांग्लादेशियों का विरोध करते हिंदू धर्म रक्षा मंच के अध्यक्ष संत कुमार घोष और अन्य।

    जागरण संवाददाता, राजमहल (साहिबगंज)। Bangladeshi Infiltrationः हिंदू धर्म रक्षा मंच के केंद्रीय अध्यक्ष संत कुमार घोष ने अवैध घुसपैठ को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताते हुए केंद्र और राज्य सरकारों से कड़े कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में पांच करोड़ से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठिए मौजूद हैं, जिनके कारण सीमावर्ती राज्यों की जनसांख्यिकी में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है।

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    संत कुमार घोष के अनुसार बांग्लादेश सीमा से सटे असम के 13, पश्चिम बंगाल के पांच, बिहार के चार तथा झारखंड के दो जिले मुस्लिम बहुल हो चुके हैं। कुल मिलाकर 24 जिलों में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक स्थिति में पहुंच गया है। उन्होंने इसे चिंताजनक बताते हुए कहा कि इससे सामाजिक संतुलन और राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

    हिंदू धर्म रक्षा मंच ने असम में तैयार की गई राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) सूची में कथित तौर पर 80 लाख बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम शामिल किए जाने का विरोध किया है। इस मुद्दे को लेकर गुवाहाटी में जनहित पार्टी द्वारा आयोजित विरोध कार्यक्रम में मंच के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

    जनहित पार्टी ने 17 दिसंबर को गुवाहाटी के विभिन्न चौक-चौराहों पर जन-जागरूकता अभियान चलाया, जबकि 18 दिसंबर को राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया। 

    इस आंदोलन में हिंदू धर्म रक्षा मंच के केंद्रीय अध्यक्ष संत कुमार घोष के साथ प्रदेश महासचिव बजरंगी महतो, मिथिलेश भगत, मनीष राज, रमाकांत साहा सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे। मंच का कहना है कि एनआरसी सूची की समीक्षा आवश्यक है, ताकि अवैध रूप से शामिल किए गए नामों को हटाया जा सके।

    संत कुमार घोष ने झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र का भी उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि अवैध घुसपैठ के कारण आदिवासी समाज की महिलाओं के साथ विवाह के नाम पर धोखाधड़ी कर भूमि पर कब्जा किया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से इस दिशा में सख्त कार्रवाई की मांग की।