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    Sahibganj News: बांग्लादेशी सीमा के पास जाली नोट का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, अप्रैल में बरामद हुई थी बड़ी खेप

    बरहड़वा रेल पुलिस ने जाली नोट कारोबार के सरगना रंजन मंडल को बांग्लादेश सीमा के निकट गिरफ्तार किया। उसके पास से पाँच हजार के जाली नोट बरामद हुए। पूछताछ में उसने बांग्लादेश के बरकत शेख से नोट मिलने की बात कही। अप्रैल में बरहड़वा स्टेशन पर भी जाली नोटों की बड़ी खेप पकड़ी गई थी जिसमें विप्लव घोष का नाम सामने आया था।

    By Pranesh Kumar Edited By: Nishant Bharti Updated: Fri, 22 Aug 2025 12:52 PM (IST)
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    बांग्लादेश की सीमा से धराया जाली नोट के कारोबार का मास्टर माइंड

    जागरण संवाददाता, साहिबगंज। बरहड़वा रेल थाना पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। जाली नोट के कारोबार के मास्टरमाइंड रंजन मंडल को बांग्लादेश की सीमा के पास से गिरफ्तार किया है। उसके पास से पांच हजार के जाली नोट भी बरामद किए गए हैं। सभी नोट पांच-पांच सौ के हैं तथा उसी सीरीज के हैं जो अप्रैल में बरहड़वा रेलवे स्टेशन से बरामद किए गए थे।

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    शुक्रवार को उसे साहिबगंज में रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी के यहां पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। यह छापेमारी रेल डीएसपी प्रवीण कुमार के नेतृत्व में हुई। रंजन मंडल बंगाल के मालदा जिले के वैष्णव नगर थाना क्षेत्र के हटकपाड़ा का रहने वाला है। यह गांव बांग्लादेश की सीमा से मात्र दो किलोमीटर ही अंदर है।

    पूछताछ में उसने बताया कि बांग्लादेश का बरकत शेख उसे जाली नोट उपलब्ध कराता था। ऐसे में जीआरपी पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए वरीय अधिकारियों को लिखने की तैयारी में है।

    अप्रैल में बरामद हुई थी बड़ी खेप

    13 अप्रैल 2025 को जीआरपी व आरपीएफ ने बरहड़वा रेलवे स्टेशन के मुख्य गेट के पास संदिग्ध अवस्था में घुमते हुए लुधियाना के टिबा रोड गली नंबर सात, थाना टिबा के तीर्थ सिंह तथा ताजपुर रोड विश्वकर्मा नगर के इंद्रप्रीत सिंह को पकड़ा था।

    तीर्थ सिंह के पीठू बैग से कुल दो लाख 14 हजार और इंद्रप्रीत सिंह के पिट्ठू बैग से एक लाख 98 हजार रुपये का जाली नोट मिला था। दोनों व्यक्ति के पास से तीन मोबाइल और बरहड़वा से पटना तक का टिकट भी बरामद किया गया था।

    दोनों की निशानदेही पर बरहड़वा थाना क्षेत्र के मिर्जापुर नयन टोला गांव से कालू घोष को पुलिस ने पकड़ा। इसमें एनटीपीसी मोड़ फरक्का निवासी पिप्ला घोष उर्फ विप्लव घोष का नाम आया। विप्लव घोष ने ही पैसा उपलब्ध कराया था। विप्लव घोष ने ही तीर्थ सिंह तथा इंद्रप्रीत सिंह को जाली नोट उपलब्ध कराया था।

    बाद में विप्लव घोष ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो उसने रंजन मंडल का नाम बताया। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ा। छापेमारी में जीआरपी थाना प्रभारी रामाशंकर प्रसाद, सअनि अरुण कुमार व कांस्टेबल चंपई सोरेन शामिल थे।

    नहीं थम रहा जाली नोट का कारोबार

    पुलिस की तमाम सख्ती के बाद भी जाली नोट का कारोबार नहीं थम रहा है। तीन दिन पूर्व ही फरक्का में चार लाख 97 लाख पांच सौ रुपये के जाली नोट के साथ बरहड़वा थाना क्षेत्र के हाटपाड़ा के खालिद शेख उर्फ मोनू तथा बेंगलुरु का मो. जब्बार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दोनों काफी दिनों से जाली नोट के कारोबार में शामिल थे।

    दोनों को बंगाल पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के बाद 10 दिनों के रिमांड पर लिया था। ऐसे में अगर रेल पुलिस व बंगाल पुलिस मिलकर काम करे तो बड़े गिरोह का खुलासा हो सकता है।