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    Jharkhand Politics: कांग्रेस को खल रही मंत्री Alamgir Alam की कमी, बेटे तनवीर की चुनाव-अभियान से दूरी ने बढ़ाई चिंता

    झारखंड की राजमहल सीट से आइएनडीआइए प्रत्याशी विजय हांसदा की हैट्रिक में एक ओर झामुमो के बागी लोबिन हेम्ब्रम रोड़ा बनते जा रहे दूसरी ओर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की गैर मौजूदगी भी खल रही है। पाकुड़ और राजमहल के मुस्लिम मतदाताओं में आलमगीर की अच्छी पकड़ है। फिलहाल वह जेल में हैं लेकिन इन सबके बीच उनके बेटे तनवीर भी चुनाव-प्रचार में नहीं दिख रहे।

    By Shankar Lal Ghose Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 22 May 2024 04:55 PM (IST)
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    आलमगीर जेल में तो, बेटे तनवीर भी प्रचार अभियान से दूर। (सांकेतिक फोटो)

    शंकर लाल घोष, बरहड़वा (साहिबगंज)। झारखंड की राजमहल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से आइएनडीआइए प्रत्याशी विजय हांसदा की हैट्रिक में एक ओर झामुमो के बागी बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम रोड़ा बनते जा रहे हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस विधायक दल के नेता सह राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की गैर मौजूदगी भी खल रही है।

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    कहा जाता है कि पाकुड़ व राजमहल विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं में मंत्री आलमगीर आलम की खास पकड़ है। फिलहाल वह जेल में हैं। पिता के जेल जाने के बाद मंत्री आलमगीर आलम के पुत्र व कांग्रेस प्रदेश महासचिव तनवीर आलम भी चुनाव प्रचार में नहीं दिख रहे हैं। दोनों की अनुपस्थिति में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह फीका पड़ता जा रहा है।

    इधर, मंत्री व उनके पुत्र की अनुपस्थिति में आजसू के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक अकील अख्तर पाकुड़ विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं पर पकड़ बनाने में जुटे हैं। वह एनडीए प्रत्याशी ताला मरांडी के पक्ष में मतदान कराने के लिए मुस्लिम मतदाताओं से संपर्क साध रहे हैं।

    अकील अख्तर की भी पाकुड़ विधानसभा में मुस्लिम समुदाय में अच्छी पकड़ मानी जाती है। इस तरह एक तरफ निर्दलीय प्रत्याशी लोबिन हेंब्रम आदिवासी वोट तो अकील अख्तर मुस्लिम वोट पर पकड़ बनाने में जुटे हैं।

    पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र आइएनडीआइए गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण है। यहां वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में यूपीए गठबंधन के प्रत्याशी आलमगीर आलम को एक लाख 28 हजार 218, भाजपा के वेणी प्रसाद गुप्ता को 65 हजार 110 और आजसू के अकील अख्तर को 39 हजार 444 वोट मिला था।

    इस तरह भाजपा और आजसू के वोट को जोड़ दिया जाता है तो एनडीए का वोट एक लाख चार हजार 444 होता है। ऐसे में यहां आइएनडीआइए प्रत्याशी विजय हांसदा की राह आसान नहीं है।

    मंत्री आलमगीर आलम की कमी चुनाव प्रचार के दौरान खल रही है। हालांकि, हमलोग लगातार क्षेत्र भ्रमण कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट कर रहे हैं। -बरकत खान, जिलाध्यक्ष कांग्रेस, साहिबगंज

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