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    Jharkhand Politics: मिशन 24 को लेकर BJP-JMM में क्रेडिट लेने की होड़, CM सोरेन-बाबूलाल मरांडी ने ऐसे कर दिया दावा

    2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड में सभी पार्टियां रणनीति बनाने में जुटी है। इसके साथ ही प्रदेश की सतारूढ़ दल झामुमो और भाजपा के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है। एक ओर सीएम सोरेन जहां अपने काम से भाजपा पर हमलावर हैं तो वहीं भाजपा भ्रष्टाचार सुरक्षा जैसे कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गई है।

    By Shiv Shankar KumarEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sun, 26 Nov 2023 01:45 PM (IST)
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    मिशन 24 को लेकर BJP-JMM में क्रेडिट लेने की होड़, CM सोरेन-बाबूलाल मरांडी ने ऐसे कर दिया दावा

    जागरण संवाददाता, साहिबगंज। 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर सभी सीटों पर जीत सुनिश्चित करने को लेकर सीएम हेमंत सोरेन लगातार राज्य में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत लोगों के बीच जा रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ बाबूलाल मरांडी भी हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहे हैं।

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    एक तरफ खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मोर्चा संभाल रखा है तो वहीं दूसरी तरफ, मुख्य विपक्षी दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी जीत का ताल ठोक रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

    सीएम सोरेन-बाबूलाल की पार्टी के बीच सियासी जंग तेज  

    एक तरफ सीएम कार्यक्रम के दौरान साहिबगंज व पाकुड़ में विपक्ष के साथ ईडी व सीबीआई पर जमकर बरस रहे है तो बाबूलाल मरांडी भी शनिवार को साहिबगंज परिसदन में बैठकर सीएम पर जमकर बरसे। इन्होंने यहां तक कहा अपने वंश को कहकर जाएंगे कम से कम सोरेन परिवार की तरह नहीं बनना है।

    उन्होंने कहा कि केन्द्र के नेतृत्व में राज्य में एनडीए की सरकार बनी तो संथाल परगना में एनआरसी छह माह के अंदर लागू होगी। दोषी पाए जाने वाले पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि भी नपेंगे।

    JMM का गढ़ संथाल परगना बना राजनीति का अखाड़ा

    फिलहाल, झामुमो का गढ़ कहा जाने वाला संथाल परगना राजनीति का अखाड़ा बन गया है। दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी दोनों संथाल समाज से आते हैं।

    फर्क इतना है कि एक तरफ हेमंत सोरेन अपने कोर वोट बैंक को संभालने के लिए योजनाओं की पोटली खोल रहे हैं तो दूसरी तरफ बाबूलाल मरांडी तथाकथित भ्रष्टाचार, जमीन लूट, अवैध खनन, महिला उत्पीड़न, बालू, शराब जैसे मुद्दों को जनता के बीच ले जाकर हेमंत सरकार की नाकामियां गिना रहे हैं।

    साथ ही केंद्र की उपलब्धियां बता रहे हैं। प्रदेश की कमान संभालते ही बाबूलाल मरांडी ने इसकी शुरुआत संकल्प यात्रा और आदिवासी अधिकार यात्रा की शुरुआत साहिबगंज के भोगनाडीह से किया। दो दिन से बाबूलाल मरांडी साहिबगंज में डेरा डाले हुए है।

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