जीवन में स्वच्छता व शुचिता की सीख देती है छठ
छठ व्रत का सामाजिक महत्व भी है। जहां समाज के कई परिवार एकत्रित होकर घाटों सरोवरों व जलाशयों की सफाई भी करते हैं।

जागरण संवाददाता, साहिबगंज : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े लोगों ने गुरुवार को छठ घाटों पर पहुंच कर लोगों को महापर्व छठ की महत्ता से अवगत कराया। इस दौरान विभाग प्रचारक बिगेंद्र कुमार ने भी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। उन्होंने स्थानीय शकुंतला सहाय घाट पर छठव्रती डा. ममता विद्यार्थी, डा. देवव्रत एवं उनके स्वजनों के समक्ष उपस्थित होकर छठ के बारे में अनेक बातें बताई।
उन्होंने कहा कि ऐसी मान्यता है कि माता सीता ने भी छठ व्रत किया था तथा श्रीराम के अयोध्या वापसी के बाद छठ व्रत के दिन ही राज्याभिषेक हुआ था। सती द्रौपदी ने कौरवों पर पांडवों की विजय के बाद यह व्रत रखा था। छठ व्रत में हम लोग उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित तो करते ही हैं, अस्ताचलगमी सूर्य को भी अर्घ्य व नमन करते हैं। यह हमें वृद्धावस्था की ओर अग्रसर हमारे बुजुर्गों को सम्मानित करने की संस्कृति व प्रवृत्ति को बताता है। छठ व्रत का सामाजिक महत्व भी है। जहां समाज के कई परिवार एकत्रित होकर घाटों सरोवरों व जलाशयों की सफाई भी करते हैं। सभी पकवान फल व सामग्री अत्यंत पवित्र तन मन व धन से तैयार किया जाता है जो हमें दैनिक जीवन में स्वच्छता व शुचिता की सीख भी देता है। हमारे स्वजनों को भी अपनी भूमि व परंपरा के साथ जोड़ता है। इसमें कई ऐसे फल फूल इत्यादि का उपयोग किया जाता है जिन्हें प्राय: हम उपेक्षित कर जाते हैं। जो हमें सभी प्रकार की वनस्पतियों, प्रकृति, व पर्यावरण संरक्षण की सीख देता है। छठ व्रत प्राय: महिलाएं ही रखती है और पूरे परिवार व समाज के लोग उन्हें अत्यंत सम्मान की ²ष्टि से वंदन करते हैं जो हमारे समाज में मातृशक्ति की भूमिका व प्रधानता को दर्शाता है। घाट पर समाजसेवी रितेश चौधरी, शांभवी सिंह, शिव्यांशी सिंह, रिकू कूमार, विपल्व विश्वास, शालिनी गुप्ता, दिपांशु, सागर सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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