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Fake certificate Issued: जाली सर्टिफिकेट का धड़ल्ले से चल रहा था कारोबार, अचानक खुला भेद तो...

झारखंड के साहिबगंज में शिक्षा विभाग के द्वारा संचालित बीआरसी भवन में शनिवार देर शाम फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। बीडीओ नागेश्वर साह व सीओ विजय हेमराज खालखो ने संयुक्त रूप से खुलासा किया। मिली जानकारी के अनुसार आधार कार्ड बनाने का काम दिसंबर 2023 से चल रहा था। अब इस मामले में कार्रवाई से हड़कंप मचा है।

By Pawan Kumar Gupta Edited By: Shashank Shekhar Published: Mon, 11 Mar 2024 04:52 PM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2024 04:52 PM (IST)
Fake certificate Issued: जाली सर्टिफिकेट का धड़ल्ले से चल रहा था कारोबार, अचानक खुला भेद तो...

संवाद सहयोगी, बोरियो (साहिबगंज)। साहिबगंज के बोरियो प्रखंड कार्यालय परिसर में स्थित शिक्षा विभाग के द्वारा संचालित बीआरसी भवन में शनिवार देर शाम फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के रैकेट का पर्दाफाश बीडीओ नागेश्वर साह व सीओ विजय हेमराज खालखो ने संयुक्त रूप से की। आधार कार्ड बनाने का संचालन बीते दिसंबर 2023 से संचालित की जा रही थी।

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प्रशासन के कार्रवाई के बाद कई आधार कार्ड बनाने व ऑनलाइन केंन्द्र के संचालन कर्ताओं में हड़कंप व्याप्त है। कई दुकानें दो दिन तक बंद रही। आधार केंंद्र संचालन का जिम्मा एनजीओ एमकेएस इंटरप्राइजेज कंंपनी को  संचालन का जिम्मा सौंपा गया था।

इसकी जानकारी देते हुए बीईओ प्रफुल्ल सिंह ने बताया कि पहले आधार कार्ड का संचालन शिक्षा विभाग के  बीआरपी द्वारा की जाती थी, लेकिन सरकार के आदेश के बाद एनजीओ को दे दी गई।

दो माह से चल रहा था ये धंधा

गौरतलब है कि ये गोरखधंधा बीते दो माह से चल रहा था। यूपी के वेबसाइट academy.mang.project.Viaw cert.org नामक वेबसाइट के जरिए प्रमाण पत्र बनाने के उदभेदन की खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित होने के बाद रविवार को शाम से वेबसाइट खुल नहीं रहा है।

इस वेबसाइट से राज्य के सभी जिले प्रखंड के जन्म प्रमाण पत्र व मृत्यु व आधार कार्ड का जाली प्रमाण पत्र बनाने का गोरखधंधा घड़ल्ले से चल रहा था। जाली जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए एक हजार रुपये वसूला जा रहा था। प्रत्येक दिन 15 जाली प्रमाण पत्र बनाया जा रहा था।

प्रशासन के कार्रवाई से दुकानदारों में हड़कंप

जाली जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर लोग आधार कार्ड में सुधार व पेंशन योजना के लाभ लेने के लिए लोग मुंह मांगा पैसा दे देते थे। जाली प्रमाण पत्र के गोरखधंधा में कई लोग शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। अगर इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाय तो कई चौंकाने वाले तथ्य का प्रर्दापाश हो सकता है।

कई लोग जेल के सलाखों के पीछे होंगे। जानकारी के अनुसार, मोतीपहाड़ी व बाजार में कई दुकानों में जाली प्रमाण पत्र बनाए जाने की चर्चा है। प्रशासन के कार्रवाई से हड़कंप व्याप्त है।

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