साहिबगंज में फिर से शुरू हुई बोट एंबुलेंस सेवा, लाभुकों के लिए मोबाइल नंबर हुआ जारी
साहिबगंज में गंगा घाट पर बोट एम्बुलेंस सेवा फिर से शुरू हो गई है। सीएस डॉ. रामदेव पासवान ने बताया कि फिलहाल एक बोट एम्बुलेंस शुरू की गई है जो गंगा पार के मरीजों को लाएगी। बाढ़ कम होने पर रात्रि सेवा भी शुरू होगी। यह सेवा आयुष्मान योजना फंड से चलेगी और मरीजों के लिए निशुल्क होगी।

जागरण संवाददाता, साहिबगंज। जिला मुख्यालय में गंगा घाट पर लगी एक बोट एंबुलेंस को हल्की मरम्मत कराने के बाद एक अक्टूबर से फिर से चालू कर दिया गया है।
सीएस डॉ. रामदेव पासवान व डॉ. मुकेश कुमार ने बिजली घाट पर लगी बोट एंबुलेंस का ट्रायल किया। गंगा के बीच नदी में जाकर जांचा व परखा और सही पाया। गंगा पार प्रसूति महिला, मूर्छित व सांप से कटा हुआ मरीज को लाने की अनुमति बोट चालक को दे दी है।
बाढ़ घटने तक रात्रि सेवा बंद रहेगी। बाद में रात्रि सेवा भी चालू कर दी जाएगी। सुबह से शाम पांच बजे तक फिलहाल लोगो के सेवा दी जा रही है। सीएस ने बताया कि दो बोट एंबुलेंस की खरीदारी हुई थी। कुछ वजहों से सेवा बंद कर दी गई थी। राजमहल में भी बोट को देखा जाएगा और उसे मरम्मत कराकर अनुमंडल में भी चालू कराया जाएगा।
फिलहाल एक को चालू कर दिया गया है। इस बोट में लगे इंधन, ड्राइवर सहित तमाम खर्चा का वहन आयुष्मान योजना फंड से की जाएगी। उन्होंने कहा कि मरीज के स्वजन डीएस डॉ. देवेश कुमार का मोबाइल नंबर 7903744978, 9199867299, डॉ. महमूद आलम 7870276430, सीएस डॉ. रामदेव पासवान 9661167879 के नंबर पर कॉल करे।
कॉल करने के बाद बोट एंबुलेंस को गंगा घाट भेज दी जाएगी, साथ ही मरीज इस पार आने के बाद सड़क पर लगे एंबुलेंस 108 या अस्पताल की एंबुलेंस खड़ी रहेगी। यहां से जिला सदर अस्पताल तक पहुंचा दी जाएगी। फिर वापसी में अस्पताल का डिस्चार्ज पर्ची दिखाने पर पुन: इसी तरह सुविधा दी जाएगी। यह सुविधा बिल्कुल नि:शुल्क है।
गौरतलब है कि 2023 में तत्कालीन डीसी राम निवास यादव के कार्यकाल में डीएमएफटी फंड से करीब 64 लाख की लागत से दो बोट एंबुलेंस की खरीदारी की गई थी। एक साहिबगंज तो दूसरा राजमहल अनुमंडल भेजा गया था ताकि 83 किमी तक बहने वाली गंगा को दोनों बोट एंबुलेंस कवर कर सके। प्रति बोट एंबुलेंस की कीमत 29 लाख 17200 रुपया थी।
छह माह किसी तरह चलाया गया उसके बाद आपूर्तिकर्ता को आर्थिक व जिला प्रशासन का सहयोग शर्त के अनुसार नहीं मिलने से बंद कर दिया गया था। उस दौरान दोनों एंबुलेंस से 64 मरीज को भी सेवा नहीं मिल पाया था। तब से दोनों एंबुलेंस घाट पर लगा दिया गया।
जिला मुख्यालय में यह एंबुलेंस कुछ ठीक रहा लेकिन राजमहल अनुमंडल में गंगा घाट पर लगी एंबुलेंस बाढ़ में डूब गई। देखरेख के अभाव में एसी, बोट का मोटर चोरी कर लिया गया है। अभी वो बोट पानी में डूबा हुआ है। बोट की खरीदारी करने वाले आपूर्तिकर्ता का अभी भी 20 लाख बकाया फंसा हुआ है।
आपूर्तिकर्ता द्वारा बार-बार कार्यालय का चक्कर काटने के बावजूद फाइल को आगे नहीं बढ़ाने से आर्थिक तंगी से गुजरने को मजबूर है।
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