झारखंड में लापरवाही: लिपिक ने कबाड़ी को बेचे सैकड़ों आयुष्मान कार्ड, जांच में जुटी पुलिस
बरहेट में कबाड़ में सैकड़ों आयुष्मान कार्ड मिले जो पहाड़िया परिवारों के थे। आशंका है कि ये कार्ड वितरण के लिए थे पर बांटे नहीं गए। बरहेट सीएचसी की लिपिक अनू कुमारी जिनका तबादला हो गया था उन्होंने सरकारी आवास खाली नहीं किया था और कबाड़ी को सामान बेच दिया जिसमें ये कार्ड और सरकारी दस्तावेज थे।

संवाद सहयोगी, बरहेट (साहिबगंज)। बरहेट में शनिवार को कबाड़ में सैकड़ों आयुष्मान कार्ड पाए गए। सभी आयुष्मान कार्ड पहाड़िया परिवारों के हैं। आशंका जताई जा रही है कि सभी संबंधित परिवारों को देने के लिए आए थे, लेकिन उनका वितरण नहीं किया गया।
बताया जाता है कि बरहेट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लिपिक पद पर कार्यरत अनू कुमारी का स्थानांतरण एक साल पहले सरायकेला कर दिया गया। सीएससी के सरकारी आवास में वह रहती थी। उसने अपना आवास अब तक खाली नहीं किया था।
शनिवार को वह अपनी कार से पहुंची और बरहेट संथाली के कबाड़ी इम्तियाज अंसारी को अपने आवास पर बुलाया और काफी सामान बेच दिया। इसमें आयुष्मान कार्ड के साथ-साथ सरकारी दस्तावेज भी था।
किसी ने इसकी सूचना प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चौधरी चंद्रशेखर प्रसाद चंद्र को दी। उन्होंने मामले की सूचना बरहेट थाना पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही बरहेट थाना के सअनि हरिश्चंद्र मंडल पहुंचे और जांच पड़ताल शुरू की।
पुलिस को देखकर अनू कुमारी घर बंद कर अपनी कार से भाग गई। कबाड़ी वाले इम्तियाज अंसारी ने बताया कि अनू कुमारी ने इससे पहले उसके पास तीन बार सामान बेचा है। जांच पड़ताल के दौरान पता चला कि आयुष्मान कार्ड कुसमा, चुकली, माको, पकड़ीगोड़ा सहित अन्य गांव के लोगों का है।
इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चौधरी चंद्रशेखर प्रसाद चंद्र ने कहा कि मामले से वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया गया है। कार्रवाई की जाएगी।
कबाड़ में बेच दी गई थी सरकारी पुस्तकें
पिछले दिनों सरकारी स्कूलों में मुफ्त मिलने वाली पुस्तकें कबाड़ में बेचने की बात सामने आयी थी। कोटालपोखर थाना क्षेत्र के बड़ा सोनाकड़ गांव दो सितंबर को बड़ी संख्या में ऐसी पुस्तक जब्त की गई थी।
कोटालपोखर थाना क्षेत्र के बड़ा सोनाकड़ गांव के मस्जिद के पास दो सितंबर की शाम एक कबाड़ी वाले की बाइक (जेएच 18 एल 0131) पंचर हो गई। कबाड़ी वाला पंचर बनवाने के लिए मिस्त्री की तलाश कर रहा था।
इसी क्रम में ग्रामीणों की नजर उसपर पड़ी। ग्रामीणों ने पूछताछ शुरू की तो वह मोटरसाइकिल छोड़कर भाग निकला। इसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस को इसकी सूचना दी।
कोटालपोखर थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बाइक व उसपर लदे सामान को जब्त कर लिया। जब्त पुस्तक कक्षा एक से पांच तक की हिंदी, गणित और पर्यावरण अध्ययन की थी। एक बोरा तो पूरी तरह पैक था। उसपर नोटबुक कक्षा आठ लिखा हुआ था।
आशंका जताई जा रही है कि किसी स्कूल के प्रधानाध्यापक ने उन पुस्तकों को कबाड़ी वाले के हाथ बेच दिया। झारखंड शिक्षा परियोजना विभाग की ओर से सभी सरकारी विद्यालयों में बच्चों को पढ़ने के लिए नि:शुल्क किताब मुहैया करायी जाती है।
कई बार यह भी बात सामने आ चुकी है कि स्कूलों में फर्जी नामांकन किया जाता है। ऐसे में बच्चों के नाम पर आने वाली पुस्तकें कबाड़ी वाले के हाथ बेच दी गई होंगी।
2022 में भी सामने आयी थी घटना
प्लस टू उच्च विद्यालय कोटालपोखर के प्रभारी प्रधानाध्यापक को सरकार द्वारा मुहैया कराई गई किताब को कबाड़ी वाला के पास बेचते विद्यालय के छात्रों ने रंगे हाथ पकड़ा था। छात्र संगठन विद्यार्थी परिषद ने मामले को लेकर आंदोलन किया था।
इसके बाद तत्कालीन डीओ दुर्गानंद झा ने चार नवम्बर 2022 को मामले की जांच कर दोषी प्रभारी प्रधानाध्यापक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की थी। इसके बाद भी क्षेत्र में इस तरह की घटना नहीं रुकी।
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