असम की ID से साहिबगंज में बनाया जा रहा था आधार कार्ड, पुलिस ने दो को किया गिरफ्तार
साहिबगंज में आधार कार्ड में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से असम की आईडी मिली है, जिससे वे दस्तावेजों में छेड़छाड़ करके आधार कार्ड बना रहे थे। जांच में 22 फर्जी आधार कार्ड बनाने के सबूत मिले हैं। जिले में अनुमानित जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड बनाए गए हैं, जिससे घुसपैठ का मुद्दा फिर से उठ गया है।
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साहिबगंज उपायुक्त हेमंत सती। (फोटो जागरण)
डॉ. प्रणेश, साहिबगंज। जिले में आधार में हो रहे फर्जीवाड़े पर शुक्रवार को मुहर लग गई। जिरवाबाड़ी थाना क्षेत्र के सोतीचौकी पांगड़ो से शुक्रवार की शाम पकड़े गए दो युवकों के पास से बरामद लैपटॉप की जांच पड़ताल के दौरान उसमें असम की आईडी मिली, जिसके माध्यम से मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर आधार बनाया जा रहा था।
छानबीन के दौरान बैकडेट में 22 लोगों के आधार बनाने के सबूत मिले हैं। इसके बाद बरामद आधार को छानबीन के लिए यूआईडी के राज्य मुख्यालय भेजने का निर्देश उपायुक्त ने यूआईडी पदाधिकारी को दिया है।
उधर, पुलिस ने पकड़े गए तालझारी थाना क्षेत्र के सकरीगली पत्ताबाड़ी निवासी राजदेव उरांव व जिरवाबाड़ी थाना क्षेत्र के सोतीचौकी पांगड़ो निवासी मोनू कुमार चौधरी को पुलिस ने जेल भेज दिया है तथा इस मामले की गंभीरता से छानबीन शुरू कर दी है। इस मामले की जांच की जिम्मेदारी बोरियो प्रभाग के पुलिस इंस्पेक्टर नुनूदेव राय को दी गई है।
क्या है मामला
घुसपैठ प्रभावित साहिबगंज-पाकुड़ सहित राज्य के पांच जिलों में अनुमानित जनसंख्या से अधिक लोगों का आधार बन गया है। अक्टूबर 2024 तक साहिबगंज जिले की अनुमानित आबादी 13 लाख 92 हजार 393 थी लेकिन यहां 14 लाख 53 हजार 634 लोगों का आधार बन चुका था।
इसी तरह पाकुड़ की कुल आबादी 10 लाख 89 हजार 673 है जबकि यहां 11 लाख 36 हजार 959 लोगों का आधार बन चुका था। मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन के कान खड़े हुए। उपायुक्त हेमंत सती के निर्देश पर छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि बाहर की आईडी से बड़ी संख्या में आधार बन रहे हैं।
इसके बाद आधार केंद्रों पर प्रशासन ने नजर रखनी शुरू की। शुक्रवार को यूआईडी पदाधिकारी संदीप कुमार को जानकारी मिली कि सोतीचौकी पांगड़ो में स्थित माेनू कुमार चौधरी के ग्राहक सेवा केंद्र में फर्जी तरीके से आधार बनाया जा रहा है। संदीप कुमार ने वहां जाकर छानबीन की तथा मोनू कुमार चौधरी से आधार निर्माण का प्राधिकार पत्र मांगा तो वह नहीं दे सका।
इसके बाद पुलिस ने मोनू कुमार चौधरी तथा वहां काम कर रहे राजदेव उरांव को पकड़ कर थाना लाया। उसके लैपटॉप की जांच की गई तो पता चला कि उसमें असम की आईडी है। जांच के दौरान कागजात में छेड़छाड़ कर आधार बनाने के साक्ष्य भी मिले।
इसके बाद दोनों आरोपितों को शनिवार को जेल भेज दिया गया। सूत्रों की मानें तो इस तरह के कई और आधार केंद्र जिले में चल रहे हैं जहां दस्तावेज में छेड़छाड़ कर आधार बनाया जाता है। बताया जाता है कि कुछ दिन पूर्व भी जिला प्रशासन ने एक लैपटाप को जांच के लिए भेजा था जिसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आयी है। जिले में आधार की जांच की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। इससे भी जांच पड़ताल में परेशानी होती है।
उठता रहा है घुसपैठ का मुद्दा
साहिबगंज-पाकुड़ में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठता रहा है। गत लोकसभा चुनाव के बाद तत्कालीन राजमहल विधायक अनंत ओझा ने जोरशोर से इस मुद्दे को उठाया। उनका कहना था कि मतदाता सूची में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठियों का नाम जोड़ दिया गया है।
इसके बाद प्रशासन ने कमेटी बनाकर इसकी जांच कराई लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला। इसके बाद भी इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बांग्लादेशी घुसपैठ काे चुनावी मुद्दा बनाया था। राज्य में सरकार बनने पर एनआरसी लागू करने की घोषणा की थी।
हालांकि, चुनाव में उसे बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी भाजपा इस मुद्दे को छोड़ने को तैयार नहीं है। जमशेदपुर के दानियल दानिश नामक व्यक्ति ने घुसपैठियों को चिह्नित करने के लिए झारखंड हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर कर रखी है।
जिले में लगातार फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाने की शिकायत मिल रही थी। इसे देखते हुए प्रशासन अलर्ट है। शुक्रवार को सोतीचौकी पांगड़ो में स्थित बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहक सेवा में फर्जी तरीके से आधार निर्माण की सूचना मिली। इसके बाद यूआईडी पदाधिकारी ने पुलिस के साथ वहां पहुंचकर छानबीन की। पता चला कि वह किसी दूसरी जगह की आइडी से आधार बना रहा था। ऐसे में पकड़े गए दोनों युवकों को जेल भेज दिया गया है। मामले की विस्तृत छानबीन की जा रही है।
- हेमंत सती, उपायुक्त, साहिबगंज
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