World Heritage Day: झारखंड के नवरत्न गढ़ को जानिए, जिसे बनाया जा रहा राज्य का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल
World Heritage Day 2022 आज विश्व विरासत दिवस है। क्या आपको पता है झारखंड में कितने राष्ट्रीय स्मारक है? गुमला के नवरत्न गढ़ को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल कर राज्य का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है।

रांची, जासं। World Heritage Day 2022 आज विश्व विरासत दिवस मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था यूनेस्को द्वारा घोषित इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य अपनी विरासत के प्रति जन जागरूकता पैदा करना है। अभी 1150 के करीब विश्व विरासत स्थल हैं, इनमें से 40 भारत में स्थित हैं। झारखंड में 13 राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक हैं एवं 3 राज्य संरक्षित स्मारक है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद (रांची मंडल) शिव कुमार भगत बताते है कि झारखंड में संरक्षित सभी स्मारकों को बेहतर बनाया जा रहा है ताकि वहां पर पर्यटकों की संख्या बढ़ सके। अभी हाल में ही गुमला सिसई प्रखंड के नगर नवरत्न गढ़ को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया गया। जिसके बाद इस जगह को राज्य का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है। इसे लेकर कई प्रक्रिया पर काम शुरू भी हो गया है।
सीमांकन को लेकर अभी भी है चुनौती
डा भगत बताते हैं कि लगातार खुदाई में कई नई-नई जानकारियां मिल भी रही है। लेकिन इस बीच कुछ स्मारकों को संरक्षित करने में सीमांकन की समस्या आ रही है, कई पुरास्थलों का सीमांकन राज्य सरकार के द्वारा किया जाना अभी भी लंबित है, जिससे समस्या उत्पन्न हो रही है और पर्यटन स्थल बनाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि राज्य सरकार से इस मामले में कई बार संज्ञान में दिया जा चुका है। अगर सभी का सहयोग पूरी तरह मिलता है तो राज्य में कई पर्यटन स्थलों बनेंगे भी और विकसित भी होंगे। उन्होंने बताया कि विश्व विरासत स्थल वे स्थल या विरासत हैं, जिनके बारे में यह बताया जाता है कि इनका निर्माण किसी देश, जाति या पंथ का न होकर संपूर्ण मानव जाति की उपलब्धि है। इस प्रकार उनका सार्वभौमिक मूल्य है और इसलिए उनके अस्तित्व को संरक्षित एवं सुरक्षित रखना संपूर्ण मानव जाति का कर्तव्य है।
आज प. सिंहभूम के प्राचीन सरोवर व मंदिर के अवशेष पर मनाया जाएगा विरासत दिवस
युनेस्को ने इस वर्ष विश्व विरासत स्थल मनाए जाने का विषय विरासत एवं जलवायु रखा है अर्थात अपनी विरासत के साथ-साथ उसकी पारिस्थितिकी को भी बचाए रखना उतना ही आवश्यक है। डा भगत बताते हैं कि इस तथ्य को दृष्टिगत करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के रांची मंडल ने इस वर्ष का विरासत दिवस प्राचीन सरोवर एवं मंदिर के अवशेष का स्थल बेनीसागर पश्चिमी सिंहभूम में मनाने का निर्णय लिया है।
इस एतेहासिक स्थल पर एक 300 गुणा 340 वर्ग मीटर का प्राचीन सरोवर है। यहीं पर प्रारंभिक मध्यकाल के अनेक मंदिरों के अवशेष गहन साल वृक्ष के कुंज विद्यमान हैं। यह स्थल विरासत एवं उसकी पारिस्थितिकी का सुंदर समन्वय प्रस्तुत करता है।
दो दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन
इस कार्यक्रम के अंतर्गत इस स्थल पर दो दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। जिसमें भारत के विश्व विरासत स्थलों, स्मारकों के छायाचित्र प्रदर्शित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत यहां आने वाले दर्शक, पर्यटक डिजिटल माध्यम से भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानियों को अपनी श्रद्धांजलि दे पाएंगे।
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने जारी किया है क्यूआर कोड
इसके लिए भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने एक क्यूआर कोड जारी किया है, जिसे बेनीसागर के अतिरिक्त झारखंड के सभी राष्ट्रीय संरक्षित स्मारकों पर लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम की श्रृंखला में 20 अप्रैल को महल एवं मंदिर समूह नवरत्नन गढ़ में विरासत यात्रा कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है, जिसमें रांची विश्वविद्यालय के 60 छात्रों का एक दल भाग लेगा तथा इस अवसर पर एक विरासत वार्ता भी प्रस्तुत की जाएगी।
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