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    Jharkhand Government: विश्व बैंक ने झारखंड की जोहार परियोजना को सराहा, सिर्फ चार वर्षों में 21 मिलियन अमेरिकी डालर का टर्नओवर

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 01:15 PM (IST)

    विश्व बैंक ने झारखंड की जोहार परियोजना की सराहना की है। इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक बताया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में महिला सशक्तीकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आए सकारात्मक बदलावों पर गर्व व्यक्त किया है। विश्व बैंक के एक पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए उन्होंने एक्स पर लिखा कि झारखंड की मेरी माताएं-बहनें आज सशक्त हो रही हैं।

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    जोहार परियोजना से किसान व महिलाएं हो रहे सशक्त ।

    राज्य ब्यूरो, रांची।  World Bank ने झारखंड की जोहार परियोजना की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक बताया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में महिला सशक्तीकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आए सकारात्मक बदलावों पर गर्व व्यक्त किया है।

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    विश्व बैंक के एक पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए उन्होंने एक्स पर लिखा कि झारखंड की मेरी माताएं-बहनें आज सशक्त होकर आगे बढ़ रही हैं। आप सभी आगे बढ़ते रहें, आपका यह बेटा और भाई हमेशा आपके साथ हैं।

    मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी विश्व बैंक की उस पोस्ट के जवाब में थी, जिसमें झारखंड की जोहार परियोजना के तहत महिलाओं के नेतृत्व वाले उत्पादक समूहों की सफलता को रेखांकित किया गया था।

    विश्व बैंक ने अपने पोस्ट में रांची के कांके की प्रोड्यूसर ग्रुप की चेयरपर्सन आशा देवी और उनके जैसी हजारों महिलाओं की उपलब्धियों को सराहा है। इन महिलाओं ने जोहार परियोजना के तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है।

    मात्र चार वर्षों में 21 महिला नेतृत्व वाली फार्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन (एफपीओ) ने लगभग 21 मिलियन अमेरिकी डालर का टर्नओवर हासिल किया है।

    यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि महिलाओं में निवेश न केवल उनके जीवन को बेहतर बनाता है, बल्कि पूरे कृषि और खाद्य प्रणाली में सकारात्मक बदलाव लाता है।

    ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी

    जोहार परियोजना ने झारखंड में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस परियोजना के तहत महिलाओं को न केवल कृषि और संबंधित गतिविधियों में प्रशिक्षण दिया गया, बल्कि उन्हें बाजार तक पहुंच और वित्तीय संसाधन भी उपलब्ध कराए गए।

    परिणामस्वरूप, महिलाएं अब उत्पादक समूहों का नेतृत्व कर रही हैं और अपने उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचा रही हैं। आशा देवी जैसे नेतृत्वकर्ताओं ने स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है।

    विश्व बैंक की टिप्पणी से झारखंड की छवि में आया निखार

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जोहार परियोजना की सफलता को झारखंड की ग्रामीण महिलाओं की मेहनत और समर्पण का परिणाम बताया। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार महिलाओं को और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में और अधिक योजनाएं शुरू की जाएंगी।

    इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी। महिलाओं की प्रगति ही राज्य की प्रगति का आधार है। विश्व बैंक ने झारखंड की इस उपलब्धि को वैश्विक मंच पर सराहा है, जिससे राज्य की ग्रामीण महिलाओं की मेहनत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।

    यह परियोजना न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रही है, बल्कि सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण को भी प्रोत्साहित कर रही है। झारखंड अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला नेतृत्व के क्षेत्र में एक माडल के रूप में उभर रहा है।