पेंशन से वंचित हो सकते हैं झारखंड के 50 हजार कर्मी
ईपीएफओ ने स्व-प्रमाणीकरण की सुविधा लागू की है। ईपीएफ की राशि अब स्व घोषित कर एडवांस के रूप में निकाली जा सकती है।

जागरण संवाददाता, रांची । ईपीएफ की पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए ‘आधार’ को अनिवार्य कर दिया गया है। क्षेत्रीय कार्यालय झारखंड में 80 हजार कर्मचारी ईपीएफ पेंशन योजना से जुड़े हैं लेकिन अब तक 30 हजार कर्मचारियों ने ही आधार लिंक कराया है, जबकि 50 हजार कर्मचारियों का ध्यान इस ओर नहीं है। इससे वे ईपीएफ पेंशन योजना से वंचित हो सकते हैं।
हालांकि, ईपीएफओ ने कर्मचारियों के लिए 31 मई अंतिम तिथि निर्धारित की है। समय रहते आधार लिंक नहीं कराने पर कर्मचारियों को नुकसान होगा। कर्मचारियों की आधार संख्या बैंक की शाखा, प्रज्ञा केंद्र या किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) कार्यालय से लिंक कराई जा सकती है। ये बातें ईपीएफओ के एडीशनल सेंट्रल भविष्य निधि आयुक्त (बिहार-झारखंड) वीपी सिंह ने कही। वे गुरुवार को ईपीएओ कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। एडीशनल सेंट्रल भविष्यनिधि आयुक्त बनने के बाद रांची में उनका पहला दौरा था। वार्ता के दौरान क्षेत्रीय भविष्यनिधि आयुक्त रांची वन एसके संगमा, क्षेत्रीय पीएफ कमिशनर आनंद चंद्र साहू सहित ईपीएफओ के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि ईपीएफओ ने स्व-प्रमाणीकरण की सुविधा, पेंशनधारकों के लिए ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र की सुविधा, संयुक्त दावा पत्र आधार की सुविधा, इंटरनेट बैंकिंग भुगतान की सुविधा, प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना, कर्मचारी नामांकन अभियान 2017 आदि की शुरुआत की है।
नए कर्मचारियों को तीन वर्षो के लिए 8.33 फीसद अंशदान :
ईपीएफओ में पंजीकृत सभी नए कर्मचारियों को कर्मचारी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। योजना के पहले तीन वर्षो के लिए 8.33 फीसद अंशदान का भुगतान भारत सरकार वहन करेगी। प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है। पंजीकृत कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। इसमें आधार संख्या अनिवार्य नहीं है, लेकिन नए व्यक्तियों को चिह्न्ति करने में सुविधा को लेकर बैंक से आधार सीडिंग कराने को कहा गया है।
ईपीएफओ ने स्व-प्रमाणीकरण की सुविधा लागू की है। ईपीएफ की राशि अब स्व घोषित कर एडवांस के रूप में निकाली जा सकती है। कर्मचारियों की समस्या को देखते हुए ईपीएफओ ने यह सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके पूर्व कर्मचारियों को बीमारी आदि की स्थित में अस्पताल में इलाज की रसीद देनी पड़ती थी। वर्तमान में निर्धारित विभिन्न प्रमाणपत्रों के स्थान पर ईपीएफ अंशदाताओं द्वारा स्व प्रमाणीकरण की सुविधा लागू की गई है। दावा पत्र के साथ कोई भी सर्टिफिकेट देने की आवश्यकता नहीं होगी।

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