महिला मजदूरों ने खलारी मोनेट वाशरी का काम कराया बंद
सीसीएल एनके एरिया के विस्थापित गाव की महिला मजदूरों ने रोजगार देने की माग को लेकर खलारी मोनेट वाशरी का काम बंद करा दिया। इस दौरान जमकर नारेबाजी की। ...और पढ़ें

संसू, खलारी : सीसीएल एनके एरिया के विस्थापित गाव की महिला मजदूरों ने रोजगार देने की माग को लेकर शनिवार को मोनेट कोल वाशरी का काम बंद करा दिया। देर शाम वार्ता के बाद काम चालू किया गया। शनिवार की सुबह अपने पूर्व घोषित आदोलन के तहत महिला मजदूरों को पुन: काम पर रखने की माग को लेकर दर्जनों महिलाएं एवं जनप्रतिनिधि मोनेट कोल वाशरी पहुंचे और गेट के समक्ष जमकर नारेबाजी की। महिलाओं ने बताया कि जिस समय मोनेट कोल वाशरी खुल रहा थी उस समय यहा की महिला मजदूरों ने ठेकेदार के माध्यम से मोनेट की नींव रखी। प्लाट चालू होने पर लोगों को ठेकेदार के माध्यम से रोजगार भी मिला, जो करीब 12 वर्षो तक चला। पर, कोरोना काल में प्लाट बंद होने के बाद मजदूरों को काम से निकाल दिया गया। पर, प्लाट चालू होने के बाद वाशरी में सभी महिला मजदूरों को नौकरी नहीं दी गई। वाशरी में 25 महिला मजदूर काम करती थीं। इसमें मात्र छह लोगों को ही फिर से काम पर रखा गया है। इन्हें भी बारी बारी से काम दिया जाता है। इसमें महीने में मात्र सात या आठ दिन की हाजिरी ही दी जाती है। ऐसे में घर चलाना मुश्किल हो गया है। इधर, जिप सदस्य रतिया गंझू ने कहा कि मोनेट कोल वाशरी प्रबंधन को महिला मजदूरों को वापस रखना होगा। प्रबंधन ने मामले को लेकर रैयत विस्थापित मोर्चा के साथ वार्ता की। वार्ता में कहा गया कि दस अगस्त को मोनेट प्रबंधन तथा ठेकेदार के बीच वार्ता कर हल निकालने का प्रयास किया जाएगा। वार्ता में प्रबंधन की ओर से डीजीएम मनोज कुमार स्वाई तथा मोर्चा की ओर से बिगन सिंह भोगता, नरेश गंझू, अनिता एक्का, सुनीता देवी, श्याम उराव, संजीत सिंह, शभूनाथ गंझू, रमेश गंझू, सावित्री देवी, आरती देवी, फूलमनी देवी, शाति देवी, प्रिया देवी, देवंती देवी आदि शामिल हुए।

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