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    Hemant Soren: क्या हेमंत को जेल से निकाल पाएगी सिब्बल की ये दलील? कोर्ट में 8.5 जमीन को लेकर हुआ नया खुलासा

    Updated: Tue, 27 Feb 2024 08:06 PM (IST)

    झारखंड हाईकोर्ट में ईडी की कार्रवाई के खिलाफ हेमंत सोरेन की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की ओर से इस मामले में बहस जारी है। बुधवार को भी मामले में सुनवाई होगी। ईडी की ओर से इस मामले में अपना जवाब दाखिल किया गया। हेमंत सोरेन की ओर से पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मामला शेड्यूल अफेंस का नहीं है।

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    Hemant Soren: क्या हेमंत को जेल से निकाल पाएगी सिब्बल की ये दलील?

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस एके राय की खंडपीठ में ईडी की कार्रवाई के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से बहस जारी है।

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    अब इस मामले में बुधवार को भी सुनवाई होगी। मंगलवार को ईडी की ओर से इस मामले में अपना जवाब दाखिल किया गया। इस पर हेमंत सोरेन की ओर से अभी पक्ष रखा जा रहा है।

    हेमंत के पक्षकार अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने क्या कहा 

    हेमंत सोरेन की ओर से पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मामला शेड्यूल अफेंस का नहीं है। उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग का कोई मामला नहीं बनता है। बड़गाईं अंचल की जिस विवादित 8.5 एकड़ जमीन की बात कही जा रही है, उसके मूल दस्तावेज में हेमंत सोरेन के नाम का कोई जिक्र नहीं है।

    उन्होंने कहा कि वहां कुछ लोगों ने कह दिया कि यह जमीन हेमंत सोरेन की दखल वाली है। इस पर विश्वास करते हुए ईडी अनुसंधान में आगे बढ़ रही है। इस केस में कोई भी साक्ष्य नहीं है और न ही ईडी अभी तक कोई साक्ष्य जुटा पाई है। ईडी विनोद सिंह के साथ उनके जिस वॉट्सएप चैट का जिक्र कर रही है। वह वर्ष 2020 का है।

    हेमंत सोरेन के खिलाफ की गई कार्रवाई सही- ED 

    कपिल सिब्बल ने कहा कि आर्किटेक्ट विनोद सिंह के साथ हेमंत सोरेन के वॉट्सएप चैट में बड़गाईं अंचल की उस विवादित 8.5 एकड़ जमीन पर मैरिज हाल बनाने की नक्शा तैयार किए जाने की गलत बात कही जा रही है। इस वॉट्सएप चैट में सरकार के बड़े अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में पैसे के खेल के भी बेबुनियाद आरोप लगे हैं, जिसका इस मामले से कोई संबंध नहीं है।

    इस दौरान ईडी की ओर से कहा गया कि हेमंत सोरेन के खिलाफ की गई कार्रवाई नियमानुसार सही है। उनके खिलाफ शेड्यूल अफेंस बनता है। इसलिए, हेमंत सोरेन की याचिका को खारिज कर देना चाहिए।

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