Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Hemant Soren: क्यों फंसे हेमंत सोरेन और अचानक कैसे आए ED की रडार पर? यहां समझिए पूरा केस

    By Shashank ShekharEdited By: Shashank Shekhar
    Updated: Tue, 30 Jan 2024 06:08 PM (IST)

    पिछले कुछ दिनों से बिहार में चल रही सियासी उठापटक थम चुकी है अब झारखंड की सियासी चर्चाएं सुर्खियों में हैं। जमीन घोटाला मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी पर तलवार लटकी हुई है। इस मामले में ईडी मुख्यमंत्री को अब तक दस समन भेज चुकी है। वहीं इस मामले में 20 जनवरी को एक सीएम से एक राउंड की पूछताछ भी हुई है।

    Hero Image
    Hemant Soren: क्यों फंसे हेमंत सोरेन और अचानक कैसे आए ED की रडार पर? यहां समझिए पूरा केस

    डिजिटल डेस्क, रांची। पिछले कुछ दिनों से चल रही बिहार की सियासी उठापटक थम चुकी है, लेकिन अब झारखंड की सियासी चर्चाएं सुर्खियों में हैं। जमीन घोटाला मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। इस मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री को अब तक दस समन भेज चुकी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं, इस मामले में 20 जनवरी को एक सीएम से एक राउंड की पूछताछ भी हुई है। हालांकि, पिछले दो-तीन दिन में ईडी ने हेमंत सोरेन के दिल की धड़कनें बढ़ा दी है। इस मामले में ईडी की मुख्यमंत्री के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। 31 जनवरी को एक बार फिर से मुख्यमंत्री से पूछताछ होगी। अब ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर हेमंत सोरेन की इतनी मुश्किलें क्यों बढ़ती जा रही है?

    क्या है पूरा मामला

    हेमंत सोरेन के खिलाफ चल रहे जमीन घोटाले में कार्रवाई का मामला सेना की जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़ा है। इसमें फर्जी नाम-पता के आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री हुई ती। इस मामले में रांची नगर निगम द्वारा केस दर्ज करवाया गया था। ईडी ने इसी केस के आधार पर इसीआइआर (ECIR) रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की। जांच एजेंसी ने 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री का खुलासा किया था।

    इसके अलावा आदिवासी जमीन पर अवैध कब्जे को ED की तरफ से हेमंत सोरेन को पूछताछ को लेकर बार-बार समन किया गया। अब तक दस समन भेजे जा चुके हैं।

    इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें एक 2011 बैच के आईएस अधिकारी छवि रंजन को गिरफ्तार किया गया था। वह झारखंड समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त थे। इतना ही नहीं, जनवरी में इस मामले में ताबड़तोड़ करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार, साहिबगंज जिले के अधिकारी और एक पूर्व विधायक के आवास पर छापा मारा था।