Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand News: चुनाव से पहले PMO से झारखंड सरकार को पहुंचा ऑर्डर, तुरंत शुरू हो गया एक्शन; पढ़ें पूरा मामाला

    Updated: Wed, 23 Oct 2024 12:58 PM (IST)

    प्रधानमंत्री कार्यालय ने जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार की शिकायत पर झारखंड सरकार से जांच रिपोर्ट मांगी है। पेयजल विभाग और ईडी भी मामले की जांच कर रहे हैं। आरोप है कि कई एजेंसियों ने सदिग्ध दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों के ठेके हासिल किए। कई कंपनियों की क्षमता केवल 20 से 25 लाख है उन कंपनियों को भी करोड़ों का ठेका मिला है।

    Hero Image
    झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पीएम मोदी (जागरण)

    अमित सिंह, जागरण, रांची। प्रधानमंत्री कार्यालय ने जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए झारखंड सरकार से जांच रिपोर्ट मांगी है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने जांच भी शुरू कर दी है। दूसरी तरफ प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) भी अनुसंधान कर रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पीएमओ को मिली जानकारी के अनुसार जल जीवन मिशन में कई एजेंसियों ने सदिग्ध दस्तावेज पर करोड़ों का ठेका हासिल किया है। एजेंसियों ने काम लेने के लिए टेंडर डाक्यूमेंट के साथ फैब्रिकेटेड दस्तावेज जमा किए है। पेयजल विभाग में तत्कालीन टेंडर कमेटी के सदस्यों ने कमीशन वसूली के लिए नन परफॉरमिंग कंपनियों को 1500 करोड़ से ज्यादा का काम सौंप दिया।

    पेयजल विभाग में जिन कंपनियों ने पहले से आवंटित काम को पूरा नहीं किया था, कंपनियों के विरुद्ध कार्यवाही प्रक्रियाधीन थी। काम में लापरवाही बरतने के आरोप में कंपनी को डिबार कर दिया गया था। ऐसी कंपनियों को भी पेयजल विभाग में टेंडर मिला है।

    वहीं घोटले के आरोपित इंजीनियरों को टेंडर की मानिटरिंग और भुगतान की जिम्मेवारी सौंप दी गई। इसके कारण व्याप्त अनियमितता सामने नहीं आ सकी। इसके लिए कमीशन के रूप में करोड़ों की उगाही से संबंधित विस्तृत शिकायत पीएमओ और ईडी को मिली है।

    दागी कंपनियों को भी दे दिया करोड़ों काम

    पीएमओ ने 17 जनवरी 2023 से 31 मार्च 2023 तक एमवीएस स्कीम के तहत जारी वर्क आर्डर से संबंधित टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितता होने की बात कही है। पेयजल विभाग में तत्कालीन अभियंता प्रमुख रघुनंदन शर्मा द्वारा जिन कंपनियों से एग्रीमेंट किया गया है, उसमें ज्यादातर के दस्तावेज संदिग्ध हैं।

    जल जीवन मिशन के तहत मेसर्स एन.एस. इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड फतेहपुर आगरा, मेसर्स मैकमिलन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिडेड पटना बिहार, मेसर्स प्रीति इंटरप्राइजेज बोकारो, मेसर्स एकेजी कंस्ट्रक्शन एंड डेवजपर्स प्राइवेट लिमिटेड, शिल्पी कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड लातेहार, बैंगलोर की कंपनी जेएमसी(कलपतरू) बैंगलोर आदि कई कंपनियों के नाम शामिल है।

    इसमें से कई कंपनियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की प्रक्रिया चल रही थी। यह संज्ञान में होने के बाद भी पेयजल विभाग के आला अफसरों ने दागी कंपनियों को करोड़ों का काम आवंटित कर दिया। कई कंपनियों की क्षमता 20 से 25 लाख है, उन कंपनियों को भी करोड़ों का काम मिला है। अब जांच पूरी होते ही एक्शन शुरू हो जाएगा।

    ये भी पढ़ें

    Jharkhand Election 2024: कौन हैं झारखंड में BJP को धोखा देने वाले 6 बड़े नेता? एक दे चुके चंपई को कड़ी टक्कर

    Jharkhand Election 2024: झारखंड में इन 22 दिग्गजों को टिकट मिलना लगभग तय, कई रह चुके मंत्री तो कई हैं विधायक