Jharkhand Government से उम्मीद टूटी तो जमीन के लिए ईडी ने स्वयं निकाला टेंडर, रांची में कार्यालय के लिए चाहिए 17000 वर्ग फीट भूमि
राज्य सरकार से जमीन नहीं मिली तो ED ने टेंडर निकालकर वैकल्पिक तौर पर अपने कार्यालय के लिए जगह तलाशनी शुरू कर दी है। अभी रांची के हिनू-एयरपोर्ट रोड स्थित झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का के बंगला में जोनल कार्यालय संचालित है। ईडी को 16000 से 17000 वर्गफीट जगह की आवश्यकता है जहां एक और कार्यालय शुरू किया जा सके।

राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार से जमीन नहीं मिली तो ED ने टेंडर निकालकर वैकल्पिक तौर पर अपने कार्यालय के लिए जगह तलाशनी शुरू कर दी है।
ईडी ने एक टेंडर जारी कर रांची में एक और कार्यालय के लिए आवश्यकता जताई है। अभी रांची के हिनू-एयरपोर्ट रोड स्थित झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का के बंगला में जोनल कार्यालय संचालित है।
ईडी को अब 16000 से 17000 वर्गफीट जगह की आवश्यकता है, जहां एक और कार्यालय शुरू किया जा सके। इसके लिए ईडी ने अपनी प्राथमिक लोकेशन की जानकारी भी साझा की है।
ईडी की प्राथमिकता सूची में हिनू, डोरंडा, अरगोड़ा, कडरू, अशोक नगर, गोंसाइटोला, शुक्ला कालोनी, सेटेलाइट कालोनी व मनीटोला व इसके आसपास के क्षेत्र हैं।
ऐसे लोकेशन में जगह मिलने पर ईडी वहां अपना दूसरा कार्यालय संचालित करेगी। ईडी का सबसे पहले रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय रांची के सुजाता चौक के समीप पीपी कंपाउंड में चलता था।
इसी कार्यालय में रहने के दौरान मनी लांड्रिंग के एक मामले में ईडी ने पूर्व में मधु कोड़ा सरकार के मंत्री रहे पूर्व मंत्री सह कोलेबिरा के पूर्व विधायक एनोस एक्का की चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया था।
इन्हीं संपत्तियों में एनोस एक्का का एक बंगला रांची के हिनू एयरपोर्ट रोड में थी, जिसे ईडी ने सितंबर 2021 में अपना क्षेत्रीय कार्यालय बनाया था।
उक्त बंगला को मनी लांड्रिंग के तहत जांच के क्रम में ईडी ने 28 सितंबर 2018 को जब्त किया था। यह बंगला प्लाट नंबर 1502/बी में है। वर्ष 2021 में इस बंगला की कीमत दो करोड़ 23 लाख 50 हजार रुपये आंकी गई थी।
हाई कोर्ट में लंबित है सरकार के विरुद्ध जमीन का मामला
ईडी रांची में वर्ष 2018 से अपने क्षेत्रीय कार्यालय के लिए राज्य सरकार से पांच एकड़ जमीन की मांग कर रही है। ईडी के अनुरोध पर राज्य सरकार ने 1.98 एकड़ जमीन देने पर सहमति दी और अग्रिम तौर पर इसके एवज में ईडी ने 4.10 करोड़ रुपये भी जमा करा ली थी।
इसके बावजूद अब तक ईडी को उसके कार्यालय के लिए राज्य सरकार की ओर से जमीन नहीं मिली है। जब पूरी राशि लेने के बावजूद राज्य सरकार ने ईडी को जमीन नहीं दी तो ईडी ने झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
ईडी ने याचिका दाखिल कर राज्य सरकार के अधिकारियों पर मनमानेपन व रुपये लेने के बाद भी जमीन नहीं देने का आरोप लगाया है। मामला कोर्ट में लंबित है। इसके बावजूद ईडी ने अब अपने कार्यालय के लिए दूसरे विकल्प की भी तलाश तेज कर दी है।
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